उर्वरक प्रबंधन रबी फसल -अलसी
उर्वरक प्रबंधन रबी फसल -अलसी
उर्वरक प्रबंधन
- सिंचित अलसी के लिए 60 कि.ग्रा. नत्रजन 30 कि.ग्रा. स्फुर एवं 20 कि.ग्रा. पोटाश का उपयोग करें।
- असिंचित अलसी के लिए 40 कि.ग्रा. नत्रजन 20 कि.ग्रा. स्फुर एवं 10 कि.ग्रा. पोटाश का उपयोग करें।
सुझाव
असिंचित गेहूँ के लिए
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- कम और ज्यादा तापमान हानिकारक है।
- गहरी काली और मध्यम मिट्टी में बोनी करें।
- मिट्टी गहरी,भुरभुरी होना चाहिए।
- प्रमाणित और अच्छी गुणवत्ता, अच्छी अकुंरण क्षमता वाले बीजों का उपयोग करें। अपने क्षेत्र के लिए अनुमोदित किस्मों का उपयोग करें।
- मध्य प्रदेश में अक्टूबर के मध्य में बोनी करना चाहिए।
- यदि सिंचाई उपलब्ध हो तो नवम्बर तक बोनी की जा सकती है।
- बीज शोधन के तीन दिन पहले बीज उपचार करना चाहिए।
- यदि सल्फर की कमी हो तो सल्फरयुक्त उर्वरकों की उचित मात्रा डालना चाहिए।
- सुझाव के अनुरूप ही उर्वरकों का उपयोग करें।
- मिट्टी को ढीली और भुरभुरी करने के निदाई गुडाई करना चाहिए।
- बुआई के 30 से 35 दिन बाद तक खरपतवार नियंत्रण करना चाहिए।
- पानी का जमाव हो तो जल निकास की ब्यवस्था करें।
- कीडों से बचाव हेतू अनुकूल उपाय करें।
- अलसी के साथ निम्नलिखित फसलें उगाए
चने और अलसी
अलसी और गेहूं
- जब फली का रंग पीले से भुरा हो जाए एवं दाना चमकीला हो जाए तब कटाई करनी चाहिए।
- कटाई के बाद फसल को अच्छी तरह सुखाए।
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