Select Page

рдИрд╕рдмрдЧреЛрд▓ рдХреА рдЙрдиреНрдирдд рдЙрддреНрдкрд╛рджрди рддрдХрдиреАрдХ

by | Mar 20, 2023 | рдЙрджреНрдпрд╛рдирд┐рдХреА рдФрд░ рдирдХрджреА рдлрд╕рд▓реЗрдВ, рдЦрд░реАреЮ рдХреА рдлрд╕рд▓

ईसबगोल की उन्नत उत्पादन तकनीक

ईसबगोल की उन्नत उत्पादन तकनीक

 

इसबगोल का पौधा : ईसबगोल की खेती के बारे में जाने पूरी जानकारी

आजकल औषधीय खेती का चलन तेजी से बढ़ रहा है। जागरूक किसान अपनी आय बढ़ाने के लिए पारंपरिक खेती से मुंह मोड़ रहे हैं और अधिक मुनाफे वाली खेती करने में ज्यादा रुचि ले रहे हैं। जो किसान अभी तक पिछड़े हुए हैं उनको भी पारंपरिक खेती का मोह छोड़ कर औषधीय खेती करनी चाहिए। यहां बात करते हैं ईसबगोल की खेती की। किसानों की जानकारी के लिए बता दें कि कम समय में तैयार होने वाली ईसबगोल की फसल किसानों को मालामाल कर सकती  है। ईसबगोल एक औषधीय प्रजाति का पौधा है। देखने में यह पौधा झाड़ी के समान लगता है। फसल के रूप में इसमें गेहूं जैसी बालियां लगती हैं। ईसबगोल की भूसी में अपने वजन की कई गुना पानी सोख लेने की क्षमता होती है।ईसबगोल की उन्नत उत्पादन तकनीक

ईसबगोल Plantago ovata Forsk. एक अत्यंत महत्वपूर्ण औषधीय फसल है।औषधीय फसलों के निर्यात में इसका प्रथम स्थान हैं। वर्तमान में हमारे देश से प्रतिवर्ष 120 करोड के मूल्य का ईसबगोल निर्यात हो रहा है। विश्व में ईसबगोल का सबसे बडा उपभोक्ता अमेरिका है। विश्व में इसके प्रमुख उत्पादक देश ईरान, ईराक, अरब अमीरात, भारत, फिलीपीन्स इत्यादि हैं। भारत का स्थान ईसबगोल उत्पादन एवं क्षेत्रफल में प्रथम है। भारत में इसका उत्पादन प्रमुख रूप से गुजरात ,राजस्थान ,पंजाब , हरियाणा, उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश में करीब 50 हजार हेक्टर में हो रहा हैं। म. प्र. में नीमच, रतलाम, मंदसौर, उज्जैन एवं शाजापुर जिले प्रमुख है।

उपयोग
ईसबगोल का औषधीय उपयोग अधिक होने के कारण विश्व बाजार में इसकी मांग तेजी से बड रही हैं। ईसबगोल के बीज पर पाएं जाने वाला छिलका ही इसका औषधीय उत्पाद हैं जिसे ईसबगोल की भूसी के नाम से जाना जाता हैं। भूसी और बीज का अनुपात 25:75 रहता है।इसकी भूसी में पानी सोखने की क्षमता अधिक होती हैं ।इसलिए इसका उपयोग पेट की सफाई , कब्जीयत, दस्त आव पेचिस , अल्सर, बवासीर , जैसी शारीरिक बीमारियों के उपचार में आयुर्वेदिक दवा के रूप में किया जाता हैं।इसके अलावा आइसक्रीम रंग रोगन , प्रिंटिंग आदि उद्योगों में भी इसका उपयोग किया जाता हैं ।इसकी मांग एवं उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए इसकी खेती वैज्ञानिक तकनीक से करना आवश्यक हैं ।
भूमि एवं जलवायु –
ईसबगोल के लिए ठंडी एवं शुष्क जलवायु उपयुक्त हैं।फसल पकते समय वर्षा व ओस का होना फसल के लिए बहुत ही हानिकारक होता हैं । कभी कभी फसल 100 प्रतिशत तक नष्ट हो जाती हैं। अधिक आद्रता एवं नमीयुक्त जलवायु में इसकी खेती नहीं करना चाहिए । इसके अंकुरण के लिए 20-25 डिग्री सेल्सियस तथा फसल की परिपक्वता के समय 30-35 डिग्री सेल्सियस तापक्रम उपयुक्त हैं। इसके लिए अच्छे जल निकास वाली दोमट या बलुई दोमट भूमि उपयुक्त हैं। भूमि की पी-एच मान 7-8 तक होना चाहिए।
भूमि की तैयारी –
दो बार आडी खडी जुताई एवं एक बार बखर चलावें तथा पाटा चलाकर मिटटी भुरभुरी एवं समतल कर लेवें। छोटी क्यारियां बना लें। क्यारियों की लम्बाई चैडाई खेत के ढलान एवं सिंचाई की सुविधानुसार रखें।  क्यारियों की लम्बाई 8-12 मीटर व चैडाई 3 मीटर से अधिक रखना उचित नहीं होता हैं। खेत में जल निकास का प्रबंध अच्छा होना चाहिए। क्योंकि खेत में पानी का भराव ईसबगोल के पौधे सहन नहीं कर सकते हैं।

ईसबगोल की उन्नत खेती के लिए उम्दा किस्मों का करें चयन / इसबगोल का पौधा ऐसे चुनें

ईसबगोल की खेती करने के इच्छुक किसान भाइयों को चाहिए कि वे अपने क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति के आधार पर ईसबगोल की किस्मों का चुनाव करें। इससे उनको प्रति हेक्टेयर उत्पादन वृद्धि का लाभ मिल सकेगा। यहां ईसबगोल की उन्नत किस्मों के बारे में उपयोगी जानकारी दी जा रही है जो इस प्रकार है-:

  • आर.आई. 89 ईसबगोल : ईसबगोल की अन्य बढिय़ा किस्म आर.आई. 89: है। यह राजस्थान के शुष्क एवं अद्र्ध शुष्क क्षेत्रों के लिए विकसित की गई किस्म है।  इसमें फसल तैयार होने की अवधि 110 से 115 दिन होती है। इसकी उपज क्षमता 4.5 से 6.5 क्विंटल प्रति एकड़ है। यह किस्म रोगों और कीटों के आक्रमण से कम प्रभावित होती है। इसके साथ ही उच्च  गुणवत्ता वाली होती है।
  • आर.आई.1 ईसबगोल : ईसबगोल की आर.आई. 1: किस्म भी राजस्थान में अधिक बोई जाती है। इस किस्म के पौधों की ऊंचाई 29 सेमी से 47 सेंटीमीटर होती है। यह किस्म 112 से 123 दिन में पक जाती है। वहीं उपज क्षमता 4.5 से 8.5 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।

जवाहर ईसबगोल 4 – यह प्रजाति 1996 में औषधीय एवं सुगन्धित पौध की अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना के अंतर्गत कैलाश नाथ काटजू उद्यानिकी महाविघालय ,मंदसौर (राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय,ग्वालियर) द्वारा म.प्र. के लिए अनुमोदित एवं जारी की गई है। इसका उत्पादन 13-15 क्विंटल प्रति हेक्टर लिया जा सकता है।

गुजरात ईसबगोल 2 – यह प्रजाति 1983 में अखिल भारतीय समन्वित औषधीय एवं सुगन्धित पौध परियोजना, आणंद, गुजरात से विकसित की गई हैं।  ईसबगोल की यह किस्म गुजरात क्षेत्र के लिए उपयुक्त और बढिया मानी जाती है। यह  किस्म 118 से 125 दिन में पकती है। वहीं इसकी पैदावार प्रति एकड़ के हिसाब से 5 से 6 क्विंटल होती है।  इसमें भूसी की मात्रा 28 से 30 प्रतिशत तक पाई जाती है।

हरियाणा ईसबगोल 5 – यह प्रजाति अखिल भारतीय समन्वित औषधीय एवं सुगन्धित पौध परियोजना, चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार द्वारा 1989 में निकाली गई हैं। इसका उत्पादन 10-12 क्विंटल प्रति हेक्टर लिया जा सकता हैं।

अन्य किस्मों में गुजरात ईसबगोल 1, हरियाणा ईसबगोल – 2, निहारिका, ट्राबे सलेक्शन 1 से 10 आदि का चयन कर बुवाई की जा सकती है।

ईसबगोल की बुआई का सही समय 

ईसबगोल की अगेती बोआई करने पर फसल की ज्यादा वानस्पतिक वृद्धि हो जाती हैं परिणामस्वरुप फसल आडी पड जाती हैं तथा मदुरोमिल आसिता का प्रकोप बढ जाता हैं। वही पर देरी से बुवाई करने पर प्रकोप का वानस्पतिक विकास कम होता हैं और मानसून पूर्व की वर्षा से बीज झडने का अंदेशा बना रहता हैं। इसलिए किसान भाई ईसबगोल की बोआई अक्टूबर के अंतिम सप्ताह से नवम्बर के द्वितीय सप्ताह तक करते हैं तो यह अच्छा समय होता हैं। दिसम्बर माह तक बोआई करने पर उपज में भारी कमी आ जाती हैं।ईसबगोल की खेती के लिए किसानों को सही समय का ज्ञान होना चाहिए। बता दें कि ईसबगोल की बुआई अक्टूबर से नवंबर माह के बीच होनी चाहिए। इसके बीजों की बुआई कतारों में की जाती है। इनकी कतार से कतार की दूरी 25 से 30 सेंटीमीटर होना जरूरी है। बीज को करीब 3 ग्राम थाईरम प्रति किलोग्राम के हिसाब से उपचारित कर लें और मिट्टी में मिला लें। इसके बाद ही बुआई की जानी चाहिए।
बीज की मात्रा –
बडे आकार का, रोग रहित बीज की 4 किग्रा मात्रा प्रति हेक्टर की दर से उपयोग लेने पर फसल का अच्छा उत्पादन लिया जा सकता हैं। बीज दर ज्यादा होने की दशा में मदुरोमिल आसिता का प्रकोप बढ जाता हैं व उत्पादन प्रभावित हो जाता है।
बीजोपचार –
ईसबगोल के बीज को मैटालैक्जिल 35 एस. डी. की 5 ग्राम मात्रा प्रति किलो बीज के मान से बीजोपचार कर बुवाई करें। किसान भाई मृदा उपचार हेतु जैविक फफंदी नाशक ट्राइकोडर्मा विरिडी की 2.5 किग्रा मात्रा प्रति हेक्टर की दर से अच्छी पकी हुई गोबर की खाद अथवा वर्मीकम्पोस में मिला कर नमी युक्त खेत में प्रयोग करें।
बोने की विधि
किसानों में ईसबगोल की छिटकाव पद्धति से बुवाई करना प्रचलित हैं। परंतु इस विधि से अंतःसस्य किय्राएं करने में कठिनाई आती हैं। परिणामस्वरुप उत्पादन प्रभावित हो जाता है। अतः किसान भाई ईसबगोल की बुवाई कतारों में करते हुए कतार से कतार की दूरी 30 से. मी. एवं पौधे की दूरी 5 से. मी. रखे । बुवाई करते समय बीज में महीन बालू रेत अथवा छनी हुई गोबर की खाद मिलाकर बुवाई करें जिससे वंाछित बीज दर का प्रयोग हो सके। बीज की गहराई 2-3 से.मी. रखे। इससे ज्यादा गहरा बीज न बोयें । छिटकाव पद्धति से बोने पर मिट्टी में ज्यादा गहरा न मिलावें।
खाद एवं उर्वरक :-
ईसबगोल का अच्छा उत्पादन हेतु अच्छी पकी हुई गोबर की खाद 15-20 टन प्रति हेक्टर डालें। 10-15 किलो नत्रजन , 40 किलो स्फुर एवं 20 किलो पोटाश प्रति हेक्टर बुवाई के समय डालें। नत्रजन की 10-15 किलो प्रति हेक्टर बुवाई के 40 दिन बाद छिटकाव कर डालें।

ईसबगोल की खेती (Isabgol ki kheti) : रोग और कीटों से बचाव की जानकारी

  • यहां बता दें कि ईसबगोल की फसल में कई प्रकार के रोगों को प्रकोप होता है। यदि समय रहते इन रोग और कीटों के लिए उचित निवारण नहीं किया जाए तो फसल को काफी नुकसान पहुंचने की आशंका रहती है। ईसबगोल की फसल में रोग और कीटों का प्रकोप होने और इनके निवारण की जानकारी  यहां दी जा रही है।
  • ईसबगोल को तुलासिता नामक रोग से बचाने के लिए फसल की कम से कम 30 सेमी की दूरी पर बुआई करनी चाहिए।
  • अगर हो सके तो कतारें पूर्व से पश्चिम और पश्चिम से पूर्व दिशा में निकालें। अन्य दिशाओं में कतारें निकालने से रोग का प्रकोप अधिक होता है।
  • फसल के सही पकने के लिए आवश्यक है कि जमीन शुष्क रहे, पकाव के समय बारिश होने से बीज झड़ जाते हैं और छिलका फूल जाता है।
  • ईसबगोल की फसल में उर्वरक की बात करें तो प्रति एकड़ 12 किलो नत्रजन और 10 किलो फास्फोरस की जरूरत होती है ताकि फसल जल्दी बढ़ कर अधिक उत्पादन दे सके।
  • फसल में 60 दिन बाद बालियां निकलना शुरू होती है और करीब 115 से 130 दिन में पक कर तैयार हो जाती है। फसल कटाई के दौरान मौसम साफ होना चाहिए।
  • तुलासिता के अलावा ईसबगोल का दूसरा रोग है उकठा या विल्ट। इस रोग से प्रभावित पौधे मुरझाकर सूख जाते हैं। इस रोग से बचाव के लिए 2 ग्राम कार्बेडाजिम 50 प्रतिशत डब्ल्यूपी प्रति किलो बीज की दर से बीजों को उपचारित करना चाहिए।
  • इसी तरत यदि दीमक का प्रकोप है तो इसके नियंत्रण के लिए क्लोरोपायरिफॉस 25 ईसी 2.47 लीटर पानी से सिंचाई कर जमीन में दें।
सिंचाई :-
अच्छे अंकुरण के लिए बुवाई के तुरंत बाद हल्की सिंचाई धीमी गति से करें। अंकुरण कमज़ोर होने पर दूसरी सिंचाई 5-6 दिन बाद देवें । इसके बाद प्रथम सिंचाई 30 दिन बाद एवं दूसरी सिंचाई 70 दिन बाद देवें। फूल एवं दाना भरने की अवस्था पर सिंचाई न दें। इनमें दो से ज्यादा सिंचाई देने पर रोगों का प्रकोप बढ जाता हैं तथा उपज में कमी आ जाती हैं। पुश्पक्रम / बाली आने के बाद स्प्रिकंलर से सिचाई ना करें ।
निंदाई-गुडाई :-
बुवाई के 20-25 दिन बाद एक बार निंदाई-गुडाई अवश्य करें । इसी समय छनाई का काम भी कर देवें तथा पौधों की दूरी 5 से.मी. रखें । इस फसल में रासायनिक नींदा नियंत्रण के लिए सल्फोसल्फुरोन की 25 ग्राम मात्रा अथवा आइसोप्रोटूरोंन  की 500-750 ग्राम सक्रिय तत्व की मात्रा 500 लीटर पानी में घोलकर बोनी के 20 दिन पर छिडकाव करें।
पौध संरक्षण :-
डाउनी मिल्ड्यू (मदुरोमिल आसिता)-मृदुल रोमिल आसिता के लक्षण पौधों में बाली (स्पाइक) निकलते समय दिखाई देते हैं। सर्वप्रथम पत्तियों की ऊपरी सतह पर सफेद या कत्थई रंग के धब्बे दिखाई देते हैं तथा पत्ती के निचले भाग में सफेद चूर्ण जैसा कवक जाल दिखाई देता हैं। बाद में पत्तियां सिकुड जाती हैं तथा पौधों की बढवार रुक जाती हैं जिसके परिणामस्वरूप डंठल की लम्बाई , बीज बनना एवं बीज की गुणवत्ता प्रभावित होती हैं। रोग नियंत्रण हेतु स्वस्थ व प्रमाणित बीज बोयें , बीजोपचार करें एवं कटाई के बाद फसल अवशेषों को जला देवें। प्रथम छिडकाव रोग का प्रकोप होने पर मैटालैक्जिल $ मैंकोजेब की 2-2.5 ग्राम मात्रा अथवा कापर ऑक्सीक्लोराइड 3 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिडकाव करें। छिडकाव 10-15 दिन के अंतराल पर दोहराए।

मोयला – माहू का प्रकोप सामान्यतः बुवाई के 60-70 दिन की अवस्था पर होता है।यह सुक्ष्म आकार का कीट पत्तियों, तना एवं बालियों से रस चूसकर नुकसान पहुंचाता है। अधिक प्रकोप होने की दषा में पूरा पौधा मधु स्त्राव से चिपचिपा हो जाता हैं तथा फसल पर क क्रिया बाधित हो जाती हैं जिससे उत्पादन प्रभावित होता हैं। इसकी रोकथाम हेतु आक्सी मिथाइल डेमेटान 25 प्रतिशत ई.सी. अथवा डाइमिथोएट 30 प्रतिशत ई.सी. की 1.5 मिली मात्रा प्रति लीटर पानी में अथवा इमिडाइक्लोप्रिड 17.8 प्रतिशत एस.एल. अथवा एसिटामिप्रिड 20 प्रतिशत एस. पी. की 5 मिली/ग्राम मात्रा प्रति 15 लीटर पानी में मिलाकर छिडकाव करें एवं आव यकतानुसार छिडकाव को दोहराए ।

ईसबगोल की उन्नत उत्पादन तकनीक

ईसबगोल की अधिक उपज के लिए क्या करें

  1. समय पर बोनी करें ।
  2. बीज की गहराई 2-3 सेमी से ज्यादा न रखें।
  3. बीजोपचार अवश्य करें ।
  4. उन्नत बीज का उपयोग करें ।
  5. पौधों की छनाई 20-25 दिन बाद अवश्य करें।
  6. क्रांतिक अवस्थाओं पर दो सिंचाई से ज्यादा न करें।
  7. डाउनी मिल्ड्यू रोग का उपचार फफूंदनाशक से अवश्य करें।
  8. रोगग्रस्त पौधों को उखाड़ कर नष्ट कर देवें।
  9. मोयला का नियंत्रण समय पर अवश्य करें ।
  10. खरपतवार नियंत्रण समय पर करें ।
  11. कटाई उपयुक्त अवस्था में करें ।
  12. मावठा/बरसात को ध्यान में रखते हुए कटाई 2-3 दिन जल्दी कर लेवें ।
  13. फसल की गहाई सुबह के समय खेत में ही करें।

फसल की कटाई :- फसल 110-120 दिन में पककर तैयार हो जाती हैं , फसल पकने पर पौधों की ऊपरी पत्तियां पीली एवं नीचे की पत्तियां सूख जाती हैं। बालियों को हथेली में मसलने पर दाने आसानी से निकल जाते हैं। इसी अवस्था पर फसल की कटाई करें। कटाई सुबह के समय करने पर झडने की समस्या से बचा जा सकता हैं। फसल कटाई देर से न करें अन्यथा दाने झडने से उपज में बहुत कमी आ जाती हैं। मावठा आने की स्थिति में फसल कटाई 2-3 दिन जल्दी कर लेवें।
उपज:-
उन्नत तकनीक से खेती करने पर 15-16 क्विंटल प्रति हेक्टर उपज मिल जाती हैं ।
ईसबगोल की अधिक उपज के लिए क्या करें :-
1 समय पर बोनी करें ।

2 बीज की गहराई 2-3 सेमी से ज्यादा न रखें।

3 बीजोपचार अवश्य करें ।

4 उन्नत बीज का उपयोग करें ।

5 पौधों की छनाई 20 – 25 दिन बाद अवश्य करें।

6 क्रांतिक अवस्थाओं पर दो सिंचाई से ज्यादा न करें।

7 डाउनी मिल्ड्यू रोग का उपचार फफूंदनाशक से अवश्य करें।

8 रोगग्रस्त पौधों को उखाड कर नष्ट कर देवें।

9 मोयला का नियंत्रण समय पर अवश्य करें ।

10 खरपतवार नियंत्रण समय पर करें ।

11 कटाई उपयुक्त अवस्था में करें ।

12 मावठा / बरसात को ध्यान में रखते हुए कटाई 2-3 दिन जल्दी कर लेवें ।

13 फसल की गहाई सुबह के समय खेत में ही करें।

ईसबगोल की खेती का आर्थिक विश्लेषण

क्र. विवरणमात्रा एवं दर प्रति इकाईलागत (रु)
1.भूमि की तैयारी
जुताई की संख्या – 03/ 400रु/घंटा, 2 घंटा /हेक्टर2400
2.खाद और उर्वरक4.7
उर्वरक गोबरकी खाद10 टन/हे./ 400रु/टन4000
नत्रजन30 * 12.5375
फॉस्फोरस40 * 32.5 1300
पोटाश20 * 20400
मजदूरों की संख्या2 पर 250रु/मजदूर  500
3.बीज एवं बुआई
बीज की मात्रा 5 किग्रा / 150 रु/किग्रा750
बीज उपचार
मैटालैक्जील5 ग्राम/किग्रा 50
राइजोबियम50 ग्राम/किग्रा 10
पी.एस.बी.50 ग्राम/किग्रा10
बुआई का खर्च2 घंटा /हेक्टर / 400रु/ घंटा800
मजदूरों की संख्या4 पर 250रु/मजदूर1000
4.निंदाई/खरपतवार
 आइसोप्रोटूरोंन750ग्राम 975
निंदाई – मजदूरी25 / 200 रु/  मजदूर5000
5.फसल सुरक्षा
डाइमिथोएट (2 बार)750 मिली/हेक्टर (1.5 लीटर)525
मैटालैक्जील $ मैंकोजेब1 किग्रा900
6.सिंचाई
मजदूरों की संख्या 3 सिंचाई / 750रु/ मजदूर 2250
विद्युत खर्च 100 रु/हेक्टर300
7. कटाई
मजदूरों की संख्या 20 मजदूर / 200रु/ मजदूर4000
 मडाई650रु/घंटा, 4 घंटा /हेक्टर2600
8.कुल खर्च 28145
9.उपज 15 क्विंटल / हेक्टर / 8000 रु/ किग्रा120000
10.शुद्ध लाभ91855
आज के मंडी भाव भेजने के लिए QR कोड स्केन कीजिए

           हमसे जुड़ने के लिए QR कोड स्केन कीजिए

क्या आप अभी किसी भी मंडी में उपस्थित हैं ? आज के मंडी भाव व फोटो भेजने हेतु यहाँ क्लिक करें

 कृषि मंडियों के आज के अपडेटेड भाव देखने के लिए मंडी नाम पर क्लिक  कीजिए 👇👇👇

राजस्थान की कृषि मंडियों के आज के अपडेटेड भावमध्यप्रदेश की कृषि मंडियों के आज के अपडेटेड भाव

 

 

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

आप हमसे निम्न प्रकार से जुड़ सकते हैं –

  • किसान सलाहकार के रूप में 
  • कृषि विशेषज्ञ के रूप में 
  • अपने क्षेत्र के मंडी भाव उपलब्ध करवाने के रूप में  
  • कृषि ब्लॉग लेखक के रुप में 

अगर अप उपरोक्त में से किसी एक रूप में हमसे जुड़ना चाहते हैं तो 👇👇👇

सोशल मीडिया पर हमसे जरूर जुड़े 👇👇👇

JOIN OUR TELEGRAM                                JOIN OUR FACEBOOK PAGE 

ईसबगोल की उन्नत उत्पादन तकनीक
ईसबगोल की उन्नत उत्पादन तकनीक

рдЬреАрд░рд╛ рдЙрддреНрдкрд╛рджрди рдХреА рдЙрдиреНрдирдд рддрдХрдиреАрдХреА

Advanced technology of cumin production рдЬреАрд░рд╛ рдЙрддреНрдкрд╛рджрди рдХреА рдЙрдиреНрдирдд рддрдХрдиреАрдХреА

рд╕реМрдВрдл рдХреА рдЙрдиреНрдирдд рдЦреЗрддреАрдмрд╛реЬреА

Improved Cultivation of Fennel / рд╕реМрдВрдл рдХреА рдЙрдиреНрдирдд рдЦреЗрддреАрдмрд╛реЬреА

рдЕрдЪреНрдЫреА рдирд┐рд░реНрдпрд╛рдд рдорд╛рдВрдЧ рдХреЗ рдХрд╛рд░рдг рдХреАрдорддреЗрдВ рдмрдврд╝рдиреЗ рдХреЗ рдмрд╛рдж рдореБрдирд╛рдлрд╛рд╡рд╕реВрд▓реА рд╕реЗ рдЬреАрд░рд╛ рдореЗрдВ рдЧрд┐рд░рд╛рд╡рдЯ рдЖрдИ

рдЕрдЪреНрдЫреА рдирд┐рд░реНрдпрд╛рдд рдорд╛рдВрдЧ рдХреЗ рдХрд╛рд░рдг рдХреАрдорддреЗрдВ рдмрдврд╝рдиреЗ рдХреЗ рдмрд╛рдж рдореБрдирд╛рдлрд╛рд╡рд╕реВрд▓реА рд╕реЗ рдЬреАрд░рд╛ рдореЗрдВ рдЧрд┐рд░рд╛рд╡рдЯ рдЖрдИ Jeera dropped on profit booking after prices rose due to good export demand

рджреЗрд╡рд▓реА рдЯреЛрдВрдХ рдХреГрд╖рд┐ рдордВрдбреА рдЖрдЬ рдХреЗ рднрд╛рд╡

Deoli mandi ke latest bhav 2023 : mandi ke bhav рдЖрдЬрдХреЗ рджреЗрд╡рд▓реА рдордВрдбреА рднрд╛рд╡ рджреЗрд╡рд▓реА KRISHI MANDI KE BHAV AAJ KE Deoli KRISHI MANDI BHAV рджреЗрд╡рд▓реА рдордВрдбреА рд╕рдмрд╕реЗ рд▓реЗрдЯреЗрд╕реНрдЯ рднрд╛рд╡ рдХреГрд╖рд┐ рдЙрдкрдЬ рдордВрдбреА рджреЗрд╡рд▓реА agriculturepedia Rajasthan Mandi Bhav рдирд╡реАрдирддрдо рднрд╛рд╡ рдЙрдкрд▓рдмреНрдз : Deoli Mandi Bhav

рдЖрдЬ рдХреЗ рд░рд╛рдпрд╕рд┐рдВрд╣рдирдЧрд░ рдХреГрд╖рд┐ рдордВрдбреА рднрд╛рд╡

Raisinghnagar Mandi Ke Latest Bhav 2023 рдЖрдЬрдХреЗ рдЧрдВрдЧрд╛рдирдЧрд░ рдордВрдбреА рднрд╛рд╡ рд░рд╛рдпрд╕рд┐рдВрд╣рдирдЧрд░ KRISHI MANDI KE BHAV AAJ KE RAISINGHNAGAR KRISHI MANDI BHAV рд░рд╛рдпрд╕рд┐рдВрд╣рдирдЧрд░ рдордВрдбреА рд╕рдмрд╕реЗ рд▓реЗрдЯреЗрд╕реНрдЯ рднрд╛рд╡ рдХреГрд╖рд┐ рдЙрдкрдЬ рдордВрдбреА рд░рд╛рдпрд╕рд┐рдВрд╣рдирдЧрд░ Rajasthan Mandi Bhav

рдЖрдЬ рдХреЗ рдЧрдВрдЧрд╛рдирдЧрд░ рдордВрдбреА рдХреЗ рднрд╛рд╡ 10 рдЬреВрди 2023

рдЖрдЬ рдХреЗ рдЧрдВрдЧрд╛рдирдЧрд░ рдордВрдбреА рдХреЗ рднрд╛рд╡ 10 рдЬреВрди 2023 тШШя╕П Amazing Latest Ganganagar Mandi Ke Bhav 10-06-23 рдХрд╛ рдореБрдВрдЧ, рдореЛрда, рдЬреАрд░рд╛, рдЧреНрд╡рд╛рд░, рд╕реЛрдпрд╛рдмреАрди, рд░рд╛рдпрдбрд╛, рдкреАрд▓реА рд╕рд░рд╕реЛрдВ рдФрд░ рд╕реМрдВрдл рдЖрджрд┐ рдХрд╛ рднрд╛рд╡ рд╡рд┐рд╕реНрддрд╛рд░ рд╕реЗ рджреЗрдЦреЗ

рдЖрдЬ рдХреЗ рдмрд╛рд░рд╛рдВ рдХреГрд╖рд┐ рдордВрдбреА рднрд╛рд╡

BARAN mandi ke latest bhav 2023 рдЖрдЬрдХреЗ рдмрд╛рд░рд╛рдВ рдордВрдбреА рднрд╛рд╡ рдмрд╛рд░рд╛рдВ KRISHI MANDI KE BHAV AAJ KE BARAN KRISHI MANDI BHAV рдмрд╛рд░рд╛рдВ рдордВрдбреА рд╕рдмрд╕реЗ рд▓реЗрдЯреЗрд╕реНрдЯ рднрд╛рд╡ рдХреГрд╖рд┐ рдЙрдкрдЬ рдордВрдбреА рдмрд╛рд░рд╛рдВ Rajasthan Mandi Bhav рдирд╡реАрдирддрдо рднрд╛рд╡ рдЙрдкрд▓рдмреНрдз : BARAN Mandi Bhav BARAN mandi ke latest bhav 2023

рдЖрдЬ рдХреЗ рдмреАрдХрд╛рдиреЗрд░ рдордВрдбреА рдХреЗ рднрд╛рд╡ 10 рдЬреВрди 2023

рдЖрдЬ рдХреЗ рдмреАрдХрд╛рдиреЗрд░ рдордВрдбреА рдХреЗ рднрд╛рд╡ 10 рдЬреВрди 2023 тШШя╕П Amazing Latest Bikaner Mandi Ke Bhav 10-06-23 рдХрд╛ рдореБрдВрдЧ, рдореЛрда, рдЬреАрд░рд╛, рдЧреНрд╡рд╛рд░, рд╕реЛрдпрд╛рдмреАрди, рд░рд╛рдпрдбрд╛, рдкреАрд▓реА рд╕рд░рд╕реЛрдВ рдФрд░ рд╕реМрдВрдл рдЖрджрд┐ рдХрд╛ рднрд╛рд╡ рд╡рд┐рд╕реНрддрд╛рд░ рд╕реЗ рджреЗрдЦреЗ

рдЖрдЬ рдХреЗ рдореЗрдбрд╝рддрд╛ рдордВрдбреА рдХреЗ рднрд╛рд╡ 10 рдЬреВрди 2023

рдЖрдЬ рдХреЗ рдореЗреЬрддрд╛ рдордВрдбреА рдХреЗ рднрд╛рд╡ 10 рдЬреВрди 2023 тШШя╕П Amazing Latest MERTA Mandi Ke Bhav 10-06-23 рдХрд╛ рдореБрдВрдЧ, рдореЛрда, рдЬреАрд░рд╛, рдЧреНрд╡рд╛рд░, рд╕реЛрдпрд╛рдмреАрди, рд░рд╛рдпрдбрд╛, рдкреАрд▓реА рд╕рд░рд╕реЛрдВ рдФрд░ рд╕реМрдВрдл рдЖрджрд┐ рдХрд╛ рднрд╛рд╡ рд╡рд┐рд╕реНрддрд╛рд░ рд╕реЗ рджреЗрдЦреЗ

рдЖрдЬ рдХреЗ рдлрд▓реЛрджреА рдордВрдбреА рдХреЗ рднрд╛рд╡ 10 рдЬреВрди 2023

рдЖрдЬ рдХреЗ рдлрд▓реЛрджреА рдордВрдбреА рдХреЗ рднрд╛рд╡ 10 рдЬреВрди 2023 тШШя╕П Amazing Latest Phalodi Mandi Ke Bhav 10-06-23 рдХрд╛ рдореБрдВрдЧ, рдореЛрда, рдЬреАрд░рд╛, рдЧреНрд╡рд╛рд░, рд╕реЛрдпрд╛рдмреАрди, рд░рд╛рдпрдбрд╛, рдкреАрд▓реА рд╕рд░рд╕реЛрдВ рдФрд░ рд╕реМрдВрдл рдЖрджрд┐ рдХрд╛ рднрд╛рд╡ рд╡рд┐рд╕реНрддрд╛рд░ рд╕реЗ рджреЗрдЦреЗ.

рдЖрдЬ рдХреЗ рдмреНрдпрд╛рд╡рд░ рдордВрдбреА рдХреЗ рднрд╛рд╡ 10 рдЬреВрди 2023

рдЖрдЬ рдХреЗ рдмреНрдпрд╛рд╡рд░ рдордВрдбреА рдХреЗ рднрд╛рд╡ 10 рдЬреВрди 2023 тШШя╕П Amazing Latest Beawar Mandi Ke Bhav 10-06-23 рдХрд╛ рдореБрдВрдЧ, рдореЛрда, рдЬреАрд░рд╛, рдЧреНрд╡рд╛рд░, рд╕реЛрдпрд╛рдмреАрди, рд░рд╛рдпрдбрд╛, рдкреАрд▓реА рд╕рд░рд╕реЛрдВ рдФрд░ рд╕реМрдВрдл рдЖрджрд┐ рдХрд╛ рднрд╛рд╡ рд╡рд┐рд╕реНрддрд╛рд░ рд╕реЗ рджреЗрдЦреЗ

рдЖрдЬ рдХреЗ рдХрд┐рд╢рдирдЧреЭ рдордВрдбреА рдХреЗ рднрд╛рд╡ 10 рдЬреВрди 2023

рдЖрдЬ рдХреЗ рдХрд┐рд╢рдирдЧреЭ рдордВрдбреА рдХреЗ рднрд╛рд╡ 10 рдЬреВрди 2023 тШШя╕П Amazing Latest Kishangarh Mandi Ke Bhav 10-06-23 рдХрд╛ рдореБрдВрдЧ, рдореЛрда, рдЬреАрд░рд╛, рдЧреНрд╡рд╛рд░, рд╕реЛрдпрд╛рдмреАрди, рд░рд╛рдпрдбрд╛, рдкреАрд▓реА рд╕рд░рд╕реЛрдВ рдФрд░ рд╕реМрдВрдл рдЖрджрд┐ рдХрд╛ рднрд╛рд╡ рд╡рд┐рд╕реНрддрд╛рд░ рд╕реЗ рджреЗрдЦреЗ.

рдЖрдЬ рдХреЗ рд╕реБрд░рддрдЧреЭ рдХреГрд╖рд┐ рдордВрдбреА рдХреЗ рднрд╛рд╡ 10 рдЬреВрди 2023

рдЖрдЬ рдХреЗ рд╕реБрд░рддрдЧреЭ рдордВрдбреА рдХреЗ рднрд╛рд╡ 10 рдЬреВрди 2023 тШШя╕П Amazing Latest Suratgarh Mandi Ke Bhav 10-06-23 рдХрд╛ рдореБрдВрдЧ, рдореЛрда, рдЬреАрд░рд╛, рдЧреНрд╡рд╛рд░, рд╕реЛрдпрд╛рдмреАрди, рд░рд╛рдпрдбрд╛, рдкреАрд▓реА рд╕рд░рд╕реЛрдВ рдФрд░ рд╕реМрдВрдл рдЖрджрд┐ рдХрд╛ рднрд╛рд╡ рд╡рд┐рд╕реНрддрд╛рд░ рд╕реЗ рджреЗрдЦреЗ.

рдЖрдЬ рдХреЗ рдиреЛрдЦрд╛ рдордВрдбреА рдХреЗ рднрд╛рд╡ 10 рдЬреВрди 2023

рдЖрдЬ рдХреЗ рдиреЛрдЦрд╛ рдордВрдбреА рдХреЗ рднрд╛рд╡ 10 рдЬреВрди 2023 тШШя╕П Amazing Latest Nokha Mandi Ke Bhav 10-06-23 рдХрд╛ рдореБрдВрдЧ, рдореЛрда, рдЬреАрд░рд╛, рдЧреНрд╡рд╛рд░, рд╕реЛрдпрд╛рдмреАрди, рд░рд╛рдпрдбрд╛, рдкреАрд▓реА рд╕рд░рд╕реЛрдВ рдФрд░ рд╕реМрдВрдл рдЖрджрд┐ рдХрд╛ рднрд╛рд╡ рд╡рд┐рд╕реНрддрд╛рд░ рд╕реЗ рджреЗрдЦреЗ

рдЖрдЬ рдХреЗ рдУрд╕рд┐рдпрд╛рдВ рдордВрдбреА рдХреЗ рднрд╛рд╡ 10 рдЬреВрди 2023

рдЖрдЬ рдХреЗ рдУрд╕рд┐рдпрд╛рдВ рдордВрдбреА рдХреЗ рднрд╛рд╡ 10 рдЬреВрди 2023 тШШя╕П Amazing Latest Osian Mandi Ke Bhav 10-06-23 рдХрд╛ рдореБрдВрдЧ, рдореЛрда, рдЬреАрд░рд╛, рдЧреНрд╡рд╛рд░, рд╕реЛрдпрд╛рдмреАрди, рд░рд╛рдпрдбрд╛, рдкреАрд▓реА рд╕рд░рд╕реЛрдВ рдФрд░ рд╕реМрдВрдл рдЖрджрд┐ рдХрд╛ рднрд╛рд╡ рд╡рд┐рд╕реНрддрд╛рд░ рд╕реЗ рджреЗрдЦреЗ.

рдЖрдЬ рдХреЗ рдмрд┐рд▓рд╛реЬрд╛ рдордВрдбреА рдХреЗ рднрд╛рд╡ 10 рдЬреВрди 2023

рдЖрдЬ рдХреЗ рдмрд┐рд▓рд╛реЬрд╛ рдордВрдбреА рдХреЗ рднрд╛рд╡ 10 рдЬреВрди 2023 тШШя╕П Amazing Latest Bilara Mandi Ke Bhav 10-06-23 рдХрд╛ рдореБрдВрдЧ, рдореЛрда, рдЬреАрд░рд╛, рдЧреНрд╡рд╛рд░, рд╕реЛрдпрд╛рдмреАрди, рд░рд╛рдпрдбрд╛, рдкреАрд▓реА рд╕рд░рд╕реЛрдВ рдФрд░ рд╕реМрдВрдл рдЖрджрд┐ рдХрд╛ рднрд╛рд╡ рд╡рд┐рд╕реНрддрд╛рд░ рд╕реЗ рджреЗрдЦреЗ.

рдЖрдЬ рдХреЗ рднрдЧрдд рдХреА рдХреЛрдареА рдордВрдбреА рдХреЗ рднрд╛рд╡ 10 рдЬреВрди 2023

рдЖрдЬ рдХреЗ рднрдЧрдд рдХреА рдХреЛрдареА рдордВрдбреА рдХреЗ рднрд╛рд╡ 10 рдЬреВрди 2023 тШШя╕П Amazing Latest Bhagat Ki Kothi Mandi Ke Bhav 10-06-23 рдХрд╛ рдореБрдВрдЧ, рдореЛрда, рдЬреАрд░рд╛, рдЧреНрд╡рд╛рд░, рд╕реЛрдпрд╛рдмреАрди, рд░рд╛рдпрдбрд╛, рдкреАрд▓реА рд╕рд░рд╕реЛрдВ рдФрд░ рд╕реМрдВрдл рдЖрджрд┐ рдХрд╛ рднрд╛рд╡ рд╡рд┐рд╕реНрддрд╛рд░ рд╕реЗ рджреЗрдЦреЗ.

рдЖрдЬ рдХреЗ рдЬреЛрдзрдкреБрд░ рдордВрдбреА рдХреЗ рднрд╛рд╡ 10 рдЬреВрди 2023

рдЖрдЬ рдХреЗ рдЬреЛрдзрдкреБрд░ рдордВрдбреА рдХреЗ рднрд╛рд╡ 10 рдЬреВрди 2023 тШШя╕П Amazing Latest Jodhpur Mandi Ke Bhav 10-06-23 рдХрд╛ рдореБрдВрдЧ, рдореЛрда, рдЬреАрд░рд╛, рдЧреНрд╡рд╛рд░, рд╕реЛрдпрд╛рдмреАрди, рд░рд╛рдпрдбрд╛, рдкреАрд▓реА рд╕рд░рд╕реЛрдВ рдФрд░ рд╕реМрдВрдл рдЖрджрд┐ рдХрд╛ рднрд╛рд╡ рд╡рд┐рд╕реНрддрд╛рд░ рд╕реЗ рджреЗрдЦреЗ.

рдЖрдЬ рдХреЗ рдбреЗрдЧрд╛рдирд╛ рдордВрдбреА рдХреЗ рднрд╛рд╡ 10 рдЬреВрди 2023

рдЖрдЬ рдХреЗ рдбреЗрдЧрд╛рдирд╛ рдордВрдбреА рдХреЗ рднрд╛рд╡ 10 рдЬреВрди 2023 тШШя╕П Amazing Latest Degana Mandi Ke Bhav 10-06-23 рдХрд╛ рдореБрдВрдЧ, рдореЛрда, рдЬреАрд░рд╛, рдЧреНрд╡рд╛рд░, рд╕реЛрдпрд╛рдмреАрди, рд░рд╛рдпрдбрд╛, рдкреАрд▓реА рд╕рд░рд╕реЛрдВ рдФрд░ рд╕реМрдВрдл рдЖрджрд┐ рдХрд╛ рднрд╛рд╡ рд╡рд┐рд╕реНрддрд╛рд░ рд╕реЗ рджреЗрдЦреЗ

рдЖрдЬ рдХреЗ рдиреЛрд╣рд░ рдордВрдбреА рдХреЗ рднрд╛рд╡ 10 рдЬреВрди 2023

рдЖрдЬ рдХреЗ рдиреЛрд╣рд░ рдордВрдбреА рдХреЗ рднрд╛рд╡ 10 рдЬреВрди 2023 тШШя╕П Amazing Latest Nohar Mandi Ke Bhav 10-06-23 рдХрд╛ рдореБрдВрдЧ, рдореЛрда, рдЬреАрд░рд╛, рдЧреНрд╡рд╛рд░, рд╕реЛрдпрд╛рдмреАрди, рд░рд╛рдпрдбрд╛, рдкреАрд▓реА рд╕рд░рд╕реЛрдВ рдФрд░ рд╕реМрдВрдл рдЖрджрд┐ рдХрд╛ рднрд╛рд╡ рд╡рд┐рд╕реНрддрд╛рд░ рд╕реЗ рджреЗрдЦреЗ.

рд╡рд┐рднрд┐рдиреНрди рднрд░реНрддрд┐рдпреЛрдВ рдХреЗ рдЕрд▓рд░реНрдЯ

рдмреИрдВрдХ рдЬреЙрдм рдХреЗ рд▓рд┐рдП рдпрд╣рд╛рдБ рдХреНрд▓рд┐рдХ рдХрд░реЗрдВрд╕реЗрдирд╛ рднрд░реНрддреА рдХреЗ┬а рд▓рд┐рдП рдпрд╣рд╛рдБ рдХреНрд▓рд┐рдХ рдХрд░реЗрдВ┬аRPSC рднрд░реНрддреА рдХреЗ рд▓рд┐рдП рдпрд╣рд╛рдБ рдХреНрд▓рд┐рдХ рдХрд░реЗрдВ┬ард╢рд┐рдХреНрд╖рдХ рднрд░реНрддреА рдХреЗ рд▓рд┐рдП рдпрд╣рд╛рдБ рдХреНрд▓рд┐рдХ рдХрд░реЗрдВ┬а
рдмреИрдВрдХ рдЬреЙрдм рдХреЗ рд▓рд┐рдП рдпрд╣рд╛рдБ рдХреНрд▓рд┐рдХ рдХрд░реЗрдВрдиреЗрд╡реА рднрд░реНрддреА рдХреЗ рд▓рд┐рдП рдпрд╣рд╛рдБ рдХреНрд▓рд┐рдХ рдХрд░реЗрдВSSC рднрд░реНрддреА рдХреЗ рд▓рд┐рдП рдпрд╣рд╛рдБ рдХреНрд▓рд┐рдХ рдХрд░реЗрдВ┬аLDC рднрд░реНрддреА рдХреЗ рд▓рд┐рдП рдпрд╣рд╛рдБ рдХреНрд▓рд┐рдХ рдХрд░реЗрдВ┬а
рд░рд╛рдЬрд╕реНрдерд╛рди рд╕рд░рдХрд╛рд░ рдХреЗ рдЬреЙрдм рдХреЗ┬а рд▓рд┐рдП рдпрд╣рд╛рдБ рдХреНрд▓рд┐рдХ рдХрд░реЗрдВ┬ард╡рд╛рдпреБрд╕реЗрдирд╛ рднрд░реНрддреА рдХреЗ рд▓рд┐рдП рдпрд╣рд╛рдБ рдХреНрд▓рд┐рдХ рдХрд░реЗрдВ┬ардпреВрдирд┐рд╡рд░реНрд╕рд┐рдЯреА рд░рд┐рдЬрд▓реНрдЯ рдХреЗ рд▓рд┐рдП рдпрд╣рд╛рдБ рдХреНрд▓рд┐рдХ рдХрд░реЗрдВ┬ардкреБрд▓рд┐рд╕ рднрд░реНрддреА рдХреЗ рд▓рд┐рдП рдпрд╣рд╛рдБ рдХреНрд▓рд┐рдХ рдХрд░реЗрдВ┬а

рд╣рдорд╛рд░реЗ рд╡реНрд╣рд╛рдЯреНрд╕рдПрдк рдЧреНрд░реБрдк рд╕реЗ рдЬреБрдбрд╝рдиреЗ рдХреЗ рд▓рд┐рдП рдпрд╣рд╛рдВ рдХреНрд▓рд┐рдХ рдХрд░реЗрдВ Click Here new-gif.gif

рдЖрдкрдХреЗ рд▓рд┐рдП рдЙрдкрдпреЛрдЧреА рдкреЛрд╕реНрдЯ рдЬрд░реВрд░ рдкреЭреЗ рдФрд░ рд╢реЗрдпрд░ рдХрд░реЗ

JOIN OUR TELEGRAM┬а ┬а ┬а ┬а ┬а JOIN┬а FACEBOOK PAGE

тЬНImp. UPDATE рдХрд┐рд╕рд╛рди рднрд╛рдЗрдпреЛ рдХреЗ рд▓рд┐рдП рдЦреЗрддреАрдмрд╛реЬреА рдФрд░ рдХреГрд╖рд┐ рдордВрдбреА рднрд╛рд╡ рдХреЗ рд▓рд┐рдП рдЯреЗрд▓реАрдЧреНрд░рд╛рдо рдЪреИрдирд▓ рдмрдирд╛рдпрд╛ рд╣реИред рдЖрдкрд╕реЗ рдЖрдЧреНрд░рд╣ рд╣реИрдВ рдХрд┐ рдЖрдк рд╣рдорд╛рд░реЗ рдЯреЗрд▓реАрдЧреНрд░рд╛рдо рдЪреИрдирд▓ рд╕реЗ рдЬрд░реВрд░ рдЬреБреЬреЗ рддрд╛рдХрд┐ рдЖрдк рд╣рдорд╛рд░реЗ рд▓реЗрдЯреЗрд╕реНрдЯ рдЕрдкрдбреЗрдЯ рдХреЗ рдлреНрд░реА рдЕрд▓рд░реНрдЯ рдкреНрд░рд╛рдкреНрдд рдХрд░ рд╕рдХреЗрдВ рдЯреЗрд▓реАрдЧреНрд░рд╛рдо рдЪреИрдирд▓ рдХреЗ рдорд╛рдзреНрдпрдо рд╕реЗ рдЖрдкрдХреЛ рдХрд┐рд╕рд╛рди рд╕рдорд╛рдЪрд╛рд░, рдХрд┐рд╕рд╛рди рдпреЛрдЬрдирд╛рдПрдБ, рдЙрд░реНрд╡рд░рдХ, рдХреГрд╖рд┐ рдордВрдбреА рдХреЗ рднрд╛рд╡ рдФрд░ рдХрд┐рд╕рд╛рдиреЛ рдХреА рд╕рднреА рдЬрд╛рдирдХрд╛рд░рд┐рдпреЛрдБ рдХреА рдЕрдкрдбреЗрдЯ рдорд┐рд▓рддреА рд░рд╣реЗрдЧреА рдФрд░ рдЖрдк рд╣рдорд╛рд░реА рдкреЛрд╕реНрдЯ рдХреЛ рдЕрдкрдиреЗ рд╡реНрд╣рд╛рдЯреНрд╕рдЕрдк┬а рдФрд░ рдлреЗрд╕рдмреБрдХ рдкрд░ рдХреГрдкрдпрд╛ рдЬрд░реВрд░ рд╢реЗрдпрд░ рдХреАрдЬрд┐рдП тЯ│ Thanks By┬а AGRICULTUREPEDIA.IN Team Join Now

GETBESTJOB WHATSAPP GROUP 2021GETBESTJOB TELEGRAM GROUP 2021

рдХреГрд╖рд┐ рдХреЗ рдЗрд╕ рдЕрдкрдбреЗрдЯ рдХреЛ рдЖрдк рдЕрдкрдиреЗ рдорд┐рддреНрд░реЛ, рдХреГрд╖рдХреЛ рдФрд░ рдЙрдирдХреЗ рд╕реЛрд╢рд▓ рдкреНрд▓реЗрдЯрдлреЛрд░реНрдо рдкрд░ рдЕрд╡рд╢реНрдп рд╢реЗрдпрд░ рдХрд░рдХреЗ рдЖрдк рдХрд┐рд╕рд╛рди рднрд╛рдЗрдпреЛ рдХрд╛ рд╕рдХрд╛рд░рд╛рддреНрдордХ рд╕рд╣рдпреЛрдЧ рдХрд░реЗрдВрдЧреЗ|

тЭдя╕ПЁЯЩПрдЖрдкрдХрд╛ рд╣реГрджрдп рд╕реЗ рдЖрднрд╛рд░ ЁЯЩПтЭдя╕П

рд░рд╛рдЬрд╕реНрдерд╛рди рдХреА рдорд╣рддреНрд╡рдкреВрд░реНрдг рдордВрдбрд┐рдпреЛрдВ рдХреЗ рднрд╛рд╡

ЁЯМ╛ рдЖрдЬ 20 рдордИ рдХреЗ рднрд╛рд╡ тШШя╕П рд╢реНрд░реА рд╡рд┐рдЬрдпрдирдЧрд░ рдордВрдбреА рдХреЗ рднрд╛рд╡ рд╕рд░рд╕реЛрдВ 4200 рд╕реЗ 4630, рдЧреЗрд╣реВрдВ 2050 рд╕реЗ 2280, рдирд░рдорд╛ 7500 рд╕реЗ 7840, рдЧреНрд╡рд╛рд░ 5100 рд╕реЗ 5301, рдмрд╛рдЬрд░реА 2000 рд╕реЗ 2200, рдореБрдВрдЧ 6800 рд╕реЗ 7700, рдЬреМ 1600 рд╕реЗ 1850, рдЪрдирд╛ 4500 рд╕реЗ 4680, рдХрдкрд╛рд╕ 8000 рд╕реЗ 8200тШШя╕П рдЕрдиреВрдкрдЧреЭ рдордВрдбреА рдХреЗ рднрд╛рд╡ рд╕рд░рд╕реЛрдВ 4000 рд╕реЗ 4650, рдЧреНрд╡рд╛рд░ 5000 рд╕реЗ 5265, рдирд░рдорд╛ 7200 рд╕реЗ 7881, рдореБрдВрдЧ 7000 рд╕реЗ 7880, рдЧреЗрд╣реВрдВ 1980 рд╕реЗ 2260, рдЪрдирд╛ 4500 рд╕реЗ 4760, рдмрд╛рдЬрд░реА 2100 рд╕реЗ 2150, рдХрдкрд╛рд╕ 7500 рд╕реЗ 8100тШШя╕П рдРрд▓рдирд╛рдмрд╛рдж рдордВрдбреА рдХрд╛ рднрд╛рд╡ рдирд░рдорд╛ 7500 рд╕реЗ 7800, рд╕рд░рд╕реЛрдВ 4000 рд╕реЗ 4741, рдЧреНрд╡рд╛рд░ 4900 рд╕реЗ 5290, рдХрдирдХ 2150 рд╕реЗ 2345, рдЕрд░рд┐рдВрдб 5700 рд╕реЗ 6100, рдЪрдирд╛ 4400 рд╕реЗ 4700, рдореБрдВрдЧ 6500 рд╕реЗ 7800тШШя╕П рдЖрджрдордкреБрд░ рдордВрдбреА рдХрд╛ рднрд╛рд╡ рдирд░рдорд╛ 7500 рд╕реЗ 7700, рд╕рд░рд╕реЛрдВ 4200 рд╕реЗ 4850, рдЧреНрд╡рд╛рд░ 5000 рд╕реЗ 5311,рдЧреЗрд╣реВрдВ 2060 рд╕реЗ 2300,рдЬреМ 1650 рд╕реЗ 1800 ЁЯМ╛ рдЕрдкрдбреЗрдЯ рдХреЗ рд▓рд┐рдП рдкрдврддреЗ рд░рд╣реЗ AGRICULTUREPEDIA

рдЖрдЬ рдХреЗ рдЧреНрд╡рд╛рд░ рднрд╛рд╡

ЁЯМ╛ рдЖрдЬ 20 рдордИ рдЧреНрд╡рд╛рд░ рдХреЗ рднрд╛рд╡ рдореЗреЬрддрд╛ рдордВрдбреА рдЧреНрд╡рд╛рд░ рдХрд╛ рднрд╛рд╡ : 5050 рд╕реЗ 5530 рдбреЗрдЧрд╛рдирд╛ рдордВрдбреА рдЧреНрд╡рд╛рд░ рдХрд╛ рднрд╛рд╡ : 4500 рд╕реЗ 5480 рдирд╛рдЧреМрд░ рдордВрдбреА рдЧреНрд╡рд╛рд░ рдХрд╛ рднрд╛рд╡ : 4800 рд╕реЗ 5450 рдиреЛрдЦрд╛ рдордВрдбреА рдЧреНрд╡рд╛рд░ рдХрд╛ рднрд╛рд╡ : 5100 рд╕реЗ 5480 рдмреАрдХрд╛рдиреЗрд░ рдордВрдбреА рдЧреНрд╡рд╛рд░ рдХрд╛ рднрд╛рд╡ : 5400 рд╕реЗ 5460 рдмрд┐рд▓рд╛реЬрд╛ рдордВрдбреА рдЧреНрд╡рд╛рд░ рдХрд╛ рднрд╛рд╡ : 5200 рд╕реЗ 5400 рдЬреЛрдзрдкреБрд░ рдордВрдбреА рдЧреНрд╡рд╛рд░ рдХрд╛ рднрд╛рд╡ : 4800 рд╕реЗ 5465 рдлрд▓реЛрджреА рдордВрдбреА рдЧреНрд╡рд╛рд░ рдХрд╛ рднрд╛рд╡ : 4900 рд╕реЗ 5451 рдУрд╕рд┐рдпрд╛рдВ рдордВрдбреА рдЧреНрд╡рд╛рд░ рдХрд╛ рднрд╛рд╡ : 5100 рд╕реЗ 5460 рдХрд┐рд╢рдирдЧрдврд╝ рдордВрдбреА рдЧреНрд╡рд╛рд░ рдХрд╛ рднрд╛рд╡ : 5000 рд╕реЗ 5370 рдмреНрдпрд╛рд╡рд░ рдордВрдбреА рдЧреНрд╡рд╛рд░ рдХрд╛ рднрд╛рд╡ : 4900 рд╕реЗ 5441 рдмрд┐рдЬрдпрдирдЧрд░ рдордВрдбреА рдЧреНрд╡рд╛рд░ рдХрд╛ рднрд╛рд╡ : 4800 рд╕реЗ 5430 рднрдЧрдд рдХреА рдХреЛрдареА рдордВрдбреА рдЧреНрд╡рд╛рд░ рдХрд╛ рднрд╛рд╡ : 5100 рд╕реЗ 5420 рдиреЛрд╣рд░ рдордВрдбреА рдЧреНрд╡рд╛рд░ рдХрд╛ рднрд╛рд╡ : 5400 рд╕реЗ 5460 рд╕реВрд░рддрдЧрдврд╝ рдордВрдбреА рдЧреНрд╡рд╛рд░ рдХрд╛ рднрд╛рд╡ : 5100 рд╕реЗ 5450 рд╢реНрд░реАрдЧрдВрдЧрд╛рдирдЧрд░ рдордВрдбреА рдЧреНрд╡рд╛рд░ рдХрд╛ рднрд╛рд╡ : 5000 рд╕реЗ 5651 рд░рд╛рдпрд╕рд┐рдВрд╣рдирдЧрд░ рдордВрдбреА рдЧреНрд╡рд╛рд░ рдХрд╛ рднрд╛рд╡ : 5350 рд╕реЗ 5501 рдЖрджрдордкреБрд░ рдордВрдбреА рдЧреНрд╡рд╛рд░ рдХрд╛ рднрд╛рд╡ : 5000 рд╕реЗ 5480 рдЧреЛрд▓реВрд╡рд╛рд▓рд╛ рдордВрдбреА рдЧреНрд╡рд╛рд░ рдХрд╛ рднрд╛рд╡ : 5100 рд╕реЗ 5450 рдЕрдиреВрдкрдЧреЭ рдордВрдбреА рдЧреНрд╡рд╛рд░ рдХрд╛ рднрд╛рд╡ : 5000 рд╕реЗ 5460 рдкрджрдордкреБрд░ рдордВрдбреА рдЧреНрд╡рд╛рд░ рдХрд╛ рднрд╛рд╡ : 5000 рд╕реЗ 5440 рдХрд░рдгрдкреБрд░ рдордВрдбреА рдЧреНрд╡рд╛рд░ рдХрд╛ рднрд╛рд╡ : 5000 рд╕реЗ 5435 рдРрд▓рдирд╛рдмрд╛рдж рдордВрдбреА рдЧреНрд╡рд╛рд░ рдХрд╛ рднрд╛рд╡ : 5100 рд╕реЗ 5466 рдЧрдЬрд╕рд┐рдВрд╣рдкреБрд░ рдордВрдбреА рдЧреНрд╡рд╛рд░ рдХрд╛ рднрд╛рд╡ : 5200 рд╕реЗ 5435 рдмрд╛рд░рд╛рдВ рдордВрдбреА рдЧреНрд╡рд╛рд░ рдХрд╛ рднрд╛рд╡ : 5000 рд╕реЗ 5435 ЁЯМ╛ рдЕрдкрдбреЗрдЯ рдХреЗ рд▓рд┐рдП рдкрдврддреЗ рд░рд╣реЗ AGRICULTUREPEDIA
JOIN AGRICULTUREPEDIA FACEBOOK

рдЖрдкрдХреЗ рд▓рд┐рдП рдирд╡реАрдирддрдо рдкреЛрд╕реНрдЯ

рдЖрдЬ рдХреЗ рдордВрдбреА рднрд╛рд╡ рдпрд╣рд╛рдБ рджреЗрдЦреЗрдВ

рджрд▓рд╣рдиреА рдлрд╕рд▓реЛ рдХреЗ рдЙрддреНрдкрд╛рджрди рдХреА рдЙрдиреНрдирдд рддрдХрдиреАрдХ

рдЖрдкрдХреА рдмрд╛рддреЗрдВ рдФрд░ рд╕реБрдЭрд╛рд╡

No comments to show.

рдЦрд░реАреЮ рдХреА реЮрд╕рд▓реЗрдВ

рд░рдмреА рдХреА реЮрд╕рд▓реЗрдВ

рдордзреНрдп рдкреНрд░рджреЗрд╢ рдХреГрд╖рд┐ рдордВрдбрд┐рдпреЛрдВ рдХреЗ рдЖрдЬ рдХреЗ рднрд╛рд╡

      рдирд╡реАрдирддрдо рдЕрдкрдбреЗрдЯ

      Pin It on Pinterest

      Shares
      Share This

      Share This

      Share this post with your friends!