किसान योजना : सिंचाई पाइप लाइन योजना | अनुदान सब्सिडी | ऑनलाइन आवेदन पत्र की जानकारी
सिंचाई पाईप लाईन कार्यक्रम
कृषि विभाग
सिंचाई पाइपलाइन अनुदान योजना क्या है (What is Pipeline Anudaan Yojana)
ऐसे किसान जो अपने खेतों में सिंचाई के लिए पाइपलाइन खरीदना चाहते है, परन्तु आर्थिक स्थिति कमजोर होनें के कारण वह पाइपलाइन खरीदनें में असमर्थ है | ऐसे किसानों की सहायता के लिए राजस्थान सरकार नें सिंचाई पाइपलाइन अनुदान योजना लांच की है | इस स्कीम का लाभ राज्य के सभी वर्ग के किसानो को दिया जायेगा, जिससे किसान भाई आसानी से अपने खेतो में पाइप लाइन से सिंचाई कर सकते है |
इस योजना के माध्यम से किसान भाईयों को पाइपलाइन खरीदनें पर 50 प्रतिशत की सब्सिडी प्रदान की जाएगी | सरकार की इस पहल से राज्य के किसानों को सिंचाई की समस्या से छुटकारा मिल जायेगा | इसके साथ ही वह अपनी फसलों से बेहतर उत्पादन करनें में सक्षम होंगे |
- (राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, राष्ट्रीय खादय सुरक्षा मिशन, एनएमओओपी )
- राज्य के समस्त जिलों में सिंचाई जल की कुशलता एवं उपयोगिता को बढाने हेतु कार्यक्रम क्रियान्वित है।
राजस्थान फसल सुरक्षा मिशन के तहत किसानों को खेतों की तारबंदी के लिए अनुदान कृषि सयंत्र खरीदने के लिए हर साल ₹5 हजार दिए जाएंगे वहीं जैविक खेती के प्रोत्साहन के लिए ₹600 करोड़ खर्च किए जाएंगे। @ashokgehlot51 @_PParashar#RajasthanKoChokhoBudget pic.twitter.com/xgdF2IDUdM
— Dilip Singh Rao (@dsraokodita) March 5, 2022
सिंचाई पाइपलाइन अनुदान योजना का उद्देश्य (Purpose Of Sinchai Pipeline Anudaan yojana)
राजस्थान सरकार द्वारा सिंचाई पाइपलाइन अनुदान योजना को शुरू करनें का मुख्य उद्देश्य किसानों को अपनें खेतों में सिंचाई के लिए पाइप लाइन उपलब्ध कराना है, इससे किसानों को सिंचाई करने में आसानी होगी | इसके साथ ही पाइप लाइन से फुआरा लगाकर पानी को बचाया जा सकेगा |
हालाँकि अभी तक राज्य के अधिकांश कृषक धोरों के माध्यम से सिंचाई करते है, जिससे जल की बर्बादी अधिक होती है | ऐसे में सरकार द्वारा शुरू की गयी स योजना से किसानों की फसलों का उत्पादन बढ़ने के साथ ही उनकी आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी |
सिंचाई पाइप लाइन योजना अनुदान सब्सिडी (Sinchai Pipeline Anudaan yojana Subsidy)
राजस्थान पाइप लाइन अनुदान योजना के अंतर्गत राज्य के किसानों को सिंचाई के लिए पाइप लाइन खरीदनें उसकी कुल लागत पर 50 प्रतिशत का अनुदान दिया जाता है | हालाँकि इस समय मार्केट में विभिन्न प्रकार की पाइपलाइन उपलब्ध है, किसान भाई अपनी इच्छानुसार पीवीसी (PVC) या एचडीपीई (HDPE) खरीद सकते है | इस पाइप को खरीदनें पर किसान भाइयों को लागत राशि की 50 प्रतिशत राशि सरकार की तरफ से अनुदान के रूप में दी जाएगी |
आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि मार्किट में पीवीसी पाईप 35 रुपये प्रति मीटर, एचडीपीई 20 रुपये प्रति मीटर और एचडीपीई लेमिनेटेड ले-फलेट टयूब पाईप 50 रुपये की दर से उपलब्ध है| किसानों को इस स्कीम का लाभ प्राप्त करनें के लिए उनका बैंक अकाउंट होना आवश्यक है, क्योंकि योजना के अंतर्गत मिलनें वाली राशी डायरेक्ट उनके बैंक खाते में भेजी जाएगी |
- सिंचाई पाईपलाइन पर स्त्रोत से खेत तक पानी ले जाने के लिए निर्धारित साईज के पी.वी.सी./एच.डी.पी.ई. पाईप के क्रय पर समस्त श्रेणी के कृषको को लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम राशि रू. 50/- प्रति मीटर एचडीपीई पाईप पर या राशि रू. 35/- प्रति मीटर पीवीसी पाईप पर या राशि रू. 20/- प्रति मीटर एचडीपीई लेमिनेटेड ले-फलेट टयूब पाईप पर इकाई लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम राशि रूपये 15000/- जो भी आनुपातीक रुप से कम हो अनुदान देय होगा।
सिंचाई पाइपलाइन अनुदान योजना हेतु पात्रता (Eligibility For Sinchai Pipeline Anudaan yojana)
- इस स्कीम का लाभ सिर्फ उन्ही कृषकों को दिया जायेगा, जिनके खेत में बोरिंग या कुंए पर डीजल इंजन या बिजली से चलनें वाले पम्प या टैक्टर चलित पम्प सैट उपलब्ध है |
- स्कीम के अंतर्गत आवेदक किसान के पास 0.5 हैक्टेयर (2 बीघा) सिंचित कृषि भूमि होना आवश्यक है |
- इस स्कीम का लाभ प्राप्त करनें के पश्चात कोई भी किसान भाई अगले 10 वर्षों तक पुनः आवेदन नही कर सकता |
- इस अनुदान योजना का लाभ प्राप्त करनें हेतु आवेदक कृषक का बैंक अकाउंट आधार कार्ड से लिंक होना आवश्यक है |
- किसानों को पाइप खरीदने के 30 दिनो अर्थात 1 माह के अन्दर आवेदन करना होगा अन्यथा आपको स्कीम के अंतर्गत अनुदान नहीं दिया जायेगा |
- जिन कृषकों के नाम पर भूमि का स्वामित्व है तथा कुंए पर विद्युत/डीजल/टैक्टर चलित पम्प सैट है वे अनुदान के पात्र होगें। सामलाती कुंए पर अलग-2 पम्प सैट होने पर या पम्प सैट सामलाती होने पर भी यदि सभी हिस्सेदार अलग-2 पाईप लाइन पर अनुदान की मांग करते है तो अलग-अलग अनुदान देय होगा परन्तु भूमि का स्वामित्व अलग-अलग होना आवश्यक है। सामलाती जल स्त्रोत होने की स्थिति में सभी साझेदार कृषकों को स्त्रोत से एक ही पाईपलाइन दूर तक ले जाने में सभी कृषकों को अलग-2 अनुदान देय होगा।
- कृषक को अनुदान हेतु आधार कार्ड/ भामाशाह कार्ड संख्या देना अनिवार्य होगा।
पात्रता
सिंचाई पाइपलाइन अनुदान योजना हेतु दस्तावेज (Documents For Sinchaee Pipeline Anudaan yojana)
- कृषक का निवास प्रमाण पत्र (Residence Certificate of Farmer)
- आवेदक का आधार कार्ड (Applicant’s Aadhar Card)
- बैंक पासबुक (Bank Passbook)
- मोबाइल नंबर (Mobile Number)
- पहचान पत्र (Identity Card)
- पासपोर्ट साईज फोटो (Passport Size Photo)
- भामाशाह कार्ड या जन आधार कार्ड (Bhamashah Card or Jan Aadhar Card)
- जमीन की जमाबन्दी (Land Encroachment)
- पाइप खरीदने का पक्का बिल (Pipe Bill)
सिंचाई पाइपलाइन अनुदान योजना से लाभ (Sinchai Pipeline Anudaan yojana Benefits)
- राज्य के सभी किसान भाइयों को सिंचाई हेतु पाइप लाइन खरीदने 50 प्रतिशत या अधिकतम 15 हजार रुपये की अनुदान राशि सरकार द्वारा उनके बैंक अकाउंट में प्रदान की जाएगी |
- राज्य के ऐसे किसान जो धन के अभाव में पाइप खरीदनें में असमर्थ है, वह किसान इस स्कीम के माध्यम से बड़ी आसानी से पाइप खरीद सकते है |
- राजस्थान सरकार द्वारा शुरू की गयी इस योजना से राज्य के किसानों की आय में वृद्धि होनें के साथ ही उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी | जिससे वह परिवार को पालन पोषण बेहतर तरीके से कर सकेंगे |
योजना का संचालन
अनुदान हेतु पाइप लाइन का विवरण
कृषि विभाग द्वारा पंजीकृत निर्माता या उनके अधिकृत वितरक/विक्रेता से बी.आई.एस. मार्का पाईप नकद या बैंक से ऋण लेकर क्रय करने एवं अपने खेत पर सफलतापूर्वक स्थापित करने पर ही कृषकों को अनुदान देय होगा।
अनुदान पर वितरित किये जाने वाले प्रत्येक पाईप पर निर्मित वर्ष, अनुदान पर वितरित का Emboss करना होगा तथा औचित्य वर्ष में निर्मित एवं विक्रय किए गए पाईपों पर नियमानुसार अनुदान देय होगा साथ ही औचित्य वर्ष में निर्मित पाईपों में से शेष रहे पाईपों पर अनुदान अगले वित्तीय वर्ष में भी देय होगा।
वित्तीय वर्ष में निर्मित शेष रहे स्टाॅक की सूचना संबंधित निर्माता द्वारा जिलें के उप निदेषक एवं सहायक निदेशक कृषि (वि.) कार्यालय में आवश्यक रूप से उपलब्ध करायेंगे। सूचना के अभाव में अनुदान देय नहीं होगा।
वित्तीय वर्ष में पाईप निर्माताओं द्वारा जिले में चयनित डीलर्स के माध्यम से पाईपों की अधिकतम खुदरा मूल्य (MPR) की सूची उप निदेशक एवं सहायक निदेशक कृषि (वि.) कार्यालय को भिजवायी जायेगी तथा डीलर द्वारा सपथ पत्र भी प्रस्तुत किया जावेगा की MRP से अधिक का बिल नहीं काटा जायेगा।
अनुदान प्रक्रिया में शामिल बी.आई.एस. मार्का पाईप लाईन का विवरण निम्नानुसार है-
अवयव | आई.एस. कोड | विवरण | |
पाईप लाइन | पाईप | 4984 /14151 Pt I एवं II : 1999 | एच.डी.पी.ई. सिंचाई पाईप |
4985¼4 किग्रा/सेमी2 &63 ¼2-5 किग्रा/सेमी2 &90 एमएम व इससे अधिक ½ | जल आपूर्ति हेतु पी.वी.सी. सिंचाई पाईप | ||
IS 16190 : 2024 ¼ 63 एमएम व इससे अधिक तथा 200 एमएम व इससे अधिक ½ | जल आपूर्ति हेतु HDPE उच्च घनत्व पालीइथाईलीन लेमिनेटेड बुनी ले फ्लैट ट्यूब सिंचाई पाईप |
अनुदान 63 मिलीमीटर या 63 मिलीमीटर से अधिक व्यास के पाईपों पर ही देय होगा।
सिंचाई पाइपलाइन अनुदान योजना आवेदन प्रक्रिया (Sinchai Pipeline Anudaan yojana Application Process)
कियोस्क के माध्यम से –
- कृषक नजदीकी नागरिक सेवा केन्द्र/ई-मित्र केन्द्र पर जाकर आवेदन करा सकेगा।
- हस्ताक्षरयुक्त मूल आवेदन को भरकर मय दस्तावेज कियोस्क पर जमा कराये जाने के साथ रसीद प्राप्त करेगा।
- आवेदक मूल आवेदन पत्र को ऑन-लाईन ई-प्रपत्र (e-Form) में भरेगा एवं आवश्यक दस्तावेज को स्केन कर अपलोड (Scan & Upload) करवायेगा।
स्वयं द्वारा आवेदन –
- आवेदक मूल आवेदन पत्र को ऑन-लाईन ई-प्रपत्र (e-Form) में भरेगा एवं आवश्यक दस्तावेज को स्केन कर अपलोड (Scan & Upload)करेगा।
- आवेदक आवेदन पत्र ऑन-लाईन जमा किये जाने की प्राप्ति रसीद ऑन-लाईन ही प्राप्त कर सकेगा।
- आवेदक मूल दस्तावेजों को स्वयं अथवा डाक के माध्यम से संबंधित कृषि विभाग के कार्यालय में भिजवायेगा जिसकी प्राप्ति रसीद विभाग के कार्यालय से द्वारा दी जायेगी।
- आवेदन पत्र के साथ आवश्यक दस्तावेज- आधार कार्ड/ भामाशाह कार्ड, जमाबंदी की नकल (छः माह से अधिक पुरानी नही हो) तथा सादा पेपर पर शपथ पत्र कि मेरे पास कुल सिंचित एवं असिंचित भूमि है।
- इस स्कीम में अप्लाई करने से पहले आपको https://sso.rajasthan.gov.in/signin पर आवेदन करना होगा |
- इसके पश्चात आपको अपनी SSO ID बनानी होगी, इस आईडी को बनानें के लिए आपको होम पेज पर New Regitration पर क्लिक करना होगा |
- इसके पश्चात एक फॉर्म ओपन होगा, जिसमें आवेदक से सम्बंधित जानकारी दर्ज कर Submit पर क्लिक करे |
- अब आपको होम पेज पर Application के लिंक पर क्लिक करना होगा |
- अब आपके सामनें एक फॉर्म ओपन होगा, जिसमें सभी जानकारी दर्ज कर Submit पर क्लिक करना होगा|
- ऑनलाइन आवेदन के पश्चात आपको इस फॉर्म का प्रिंट निकालकर अपने पास सुरक्षित रखना है | इसके साथ ही इसकी एक प्रति नजदीकी क्रषि विभाग के ऑफिस में या अपने ग्राम पंचायत के क्रषि ग्रामसेवक के पास जमा करना आवश्यक है |
- विभाग के कर्मचारियों द्वारा फिजिकल सर्वे किया जायेगा, इसके आधार पर आपके बैंक खाते में अनुदान की राशि भेज दी जायेगी |
समय अवधि :-
- कार्य पूर्ण होने के उपरान्त 30 दिवस मे निस्तारण करना होगा।
लाभ प्राप्ति का स्त्रोत :-
- जिला स्तरीय संबंधित कृषि कार्यालय।
कहां सम्पर्क करें :-
- ग्राम पंचायत स्तर पर :- कृषि पर्यवेक्षक
- पंचायत समिति स्तर पर :- सहायक कृषि अधिकारी
- उप जिला स्तर पर :- सहायक निदेशक कृषि (विस्तार) / उद्यान कृषि अधिकारी।
- जिला स्तर पर :- उप निदेशक कृषि (विस्तार) / उपनिदेशक उद्यान।
आवेदनों का निस्तारण एवं भौतिक सत्यापन
6.1. ऑन लाईन आवेदन से संबंधित रिकार्ड प्राप्त होने पर कार्यालय स्तर पर आवेदन पत्र के सभी बिन्दुओं व आवश्यक प्रमाण पत्रों और दस्तावेजों के आधार पर सुनिष्चित किया जावे कि:-
6.2. संबंधित सहायक निदेशक कृषि (विस्तार) कार्यालय द्वारा अनुदान हेतु पात्र, पाईपलाइन की पत्रावलियों का पंजीयन कर 15 दिवस मे कार्यवाही पूर्ण कराई जाकर कार्य कराये जाने हतु ‘‘प्रशासनिक स्वीकृति‘‘ जारी करेगा।
6.3. पात्र कृषक का फिल्ड स्तरीय निरीक्षण संबंधित सहायक कृषि अधिकारी / कृषि पर्यवेक्षक द्वारा तीन दिवस में पूर्ण कर पत्रावली संबंधित कार्यालय मंे प्रस्तुत करेगा।
6.4. कार्यालय द्वारा जारी ‘‘प्रशासनिक स्वीकृति‘‘ के संबंध में संबंधित कृषक को क्षेत्रीय सहायक कृषि अधिकारी / कृषि पर्यवेक्षक द्वारा हस्तगत कराया जावेगा जिससे कृषक कार्य प्रारम्भ कर सके।
6.5. सिंचाई पाईपलाइन क्षेत्र में स्थापित होंने से पूर्व व स्थापित हाेने के बाद जियोटेंगिग की जानी है। जियोटेगिंग प्रक्रिया पूर्ण करने हेतु मोबाईल पर My GPS Coordinates App. डाउनलोड़ किया जावे। अनुदान हेतु पात्र एवं चयनित कृषक के निर्धारित जल स़्त्रोत तथा उपयोग क्षेत्र्ा के निष्चित स्थल पर उपरोक्त App. के माध्यम से Latitude व Longitude नोट किये जाकर जिला स्तर/उप खण्ड कार्यालय स्तर पर रिकाॅर्ड में संधारित किया जावे। पाईप लाईन क्षेत्र में स्थापित हांेने से पूर्व व स्थापित होंने के बाद से पूर्व व कार्य पूर्ण होने पर जियोटेगिंग कर कृषक खेत का नक्षा मय खसरा संख्या तथा पाईप लाईन स्थापित किये जाने का लोकेषन आदि भी अंकित करेंगे ।
6.6. सभी श्रेणी के कृषक अनुदान के पात्र होंगे जिसमे आवंटित कुल लक्ष्यों में से, अनुसूचित जाति को 17.83 प्रतिशत, अनुसूचित जन जाति को 13.48 प्रतिशत, महिला श्रेणी कृषकों को 30 प्रतिशत एवं लघु/सीमान्त कृषकों को 33 प्रतिशत प्राथमिकता प्रदान की जावे।
6.7. लघु/सीमान्त/अजा/अजजा/महिला कृषकों की श्रेणी हेतु सक्षम अधिकारी के प्रमाण-पत्र के अभाव में सहायक निदेशक, कृषि (वि.)/उप निदेशक कृषि (वि.) जिला परिषद् अपने स्तर पर जमाबन्दी/पासबुक के आधार पर कृषक के जोत/जाति/लिंग/श्रेणी का निर्धारण करते हुए अनुदान स्वीकृत कर सकते है। जमाबंदी की नकल छाया प्रति छः माह से अधिक अवधि की नहीं होनी चाहिये।
6.8. कृषक द्वारा सिंचाई पाईप लाईन क्रय किये जाने के उपरान्त भौतिक सत्यापन क्षेत्र के सहायक निदेशक कृषि (विस्तार)/जिला विस्तार अधिकारी या उनके द्वारा मनोनीत अधिकारी के साथ सहायक कृषि अधिकारी द्वारा भी कराया जा सकता है। भौतिक सत्यापन का कार्य सहायक कृषि अधिकारी द्वारा किये जाने पर संबंधित क्षेत्रिय कृषि पर्यवेक्षक व कृषक के हस्ताक्षर अनिवार्य होंगे।
6.9. भौतिक सत्यापन रिपोर्ट (परिशिष्ठ ’’ब’’) में आवेदन पत्र पर मौके पर ही रिपोर्ट मय नाम, पदनाम, निरीक्षण दिनांक, पाईप का मेन्यूफैक्चरिंग बैच नम्बर, कम्पनी का ISI मार्का नम्बर (सी.एम.एल. नम्बर) कम्पनी का ब्रांड नाम व मैक तथा कृषक द्वारा पूर्व में पाईपलाइन पर अनुदान नहीं दिये जाने का प्रमाण पत्र अंकित कर आवेदन पत्र कृषक अथवा निर्माता अथवा उसके अधिकृत विक्रेता को दिया जावेगा।
6.10. कृषकों द्वारा पी.वी.सी. पाईपलाइन को भूमि में दबाना आवश्यक है। खेत पर पी.वी.सी. पाईपलाइन स्थापित करने के लिए खोदी गयी ट्रेंच में पाईप दबाने से पूर्व संबंधित क्षेत्र के कृषि पर्यवेक्षक या सहायक कृषि अधिकारी या कृषि अधिकारी या सहायक निदेशक, कृषि द्वारा (एक ही कार्मिक या अधिकारी द्वारा) भौतिक सत्यापन किया जायेगा। पाईप को भूमि में दबाने के उपरान्त किया गया भौतिक सत्यापन मान्य नहीं होगा। तथा कृषक की फोटो भी पाईपलाइन के साथ खिंचवा कर अनुदान पत्र में चस्पा की जावें ।
6.11. भौतिक सत्यापन का वास्तविक उद्देश्य यह सत्यापित करना है कि लाभार्थी द्वारा वास्तव में पाईपलाइन स्थापित कर लिया गया है तथा अनुदान का पात्र है। अतः भौतिक सत्यापन उद्देश्य परक होना चाहिए न कि प्रक्रियात्मक। चूंकि केवल एक ही कार्मिक/अधिकारी द्वारा भौतिक सत्यापन किया जाएगा अतः इसे पूर्ण उत्तरदायित्व से किया जाना अपेक्षित है।
6.12. कृषक जिसके द्धारा फव्वारा संयंत्र एवं एचडीपीई पाईप एक साथ क्रय किये गये है, भौतिक सत्यापन में फव्वारा एवं पाईपलाइन के पाइपों का अलग-अलग भौतिक निरीक्षण कर सत्यापन कार्य किया जावें ।
6.13. दिशा निर्देशों की नियमानुसार पालना करते हुये आवेदन पत्र के सभी बिन्दुओं व दिए गए प्रमाण पत्रों और दस्तावेजों की जांच एवं भौतिक सत्यापन पश्चात् संबंधित सहायक निदेशक कृषि (विस्तार) वित्तिय स्वीकृति जारी करते हुए कृषकों को स्वीकृत अनुदान राशि का भुगतान केवल आदाता के खाते में देय (A/C Payee Only) होगा।
6.14. यदि भौतिक सत्यापन के समय सिंचाई पाईप लाईन विभागिय मापदण्ड के अनुरुप नहीं है तो इसकी सूचना आवेदनकर्ता कृषक को मय मापदण्ड व कारण सहित हस्तगत कराई जावेगी।
6.15. कृषि विभाग द्वारा अनुदान दिये जाने के उपरान्त पाईप लाईन के रख रखाव व मरम्मत कार्य की समस्त जिम्मेदारी स्वयं कृषक की होगी।
6.16. संयुक्त निदेशक कृषि (वि.) खण्ड द्वारा 2 प्रतिशत, उप निदेशक कृषि (वि.) द्वारा 5 प्रतिशत, संबंधित सहायक निदेशक कृषि (वि.) द्वारा 30 प्रतिशत तथा कृषि अधिकारी द्वारा शत-प्रतिशत निरीक्षण किया जावेगा।
6.17. पाईपलाइन कार्यक्रम हेतु अनुदान राशि का भुगतान राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन(गेहूँ)/राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन(दलहन) एवं राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन(ओ.एस) योजनान्तर्गत ही देय हेागा।
6.18. जिला स्तर पर आवेदित कृषकों के समस्त रिकार्ड का संधारण किया जावेगा।
6.19. उप निदेशक कृषि (विस्तार) प्रत्येक माॅह की कार्य योजना तैयार की जाकर क्षेत्रीय अधिकारियो / कर्मचारियो से विचार विमर्श कर निर्धारित कार्यो की समय-2 पर समी़क्षा कर प्रत्येक माह प्रगति (परिशिष्ठ ’’स’’) से खण्डीय कार्यालय को अवगत करायेगेे।
6.20. सिंचाई पाईप लाईन कार्यक्रम के अन्तर्गत किसी भी मामले के विवाद में आयुक्त कृषि, जयपुर का निर्णय अन्तिम व मान्य होगा । न्यायिक मामलों में क्षेत्राधिकार जयपुर होगा।
6.21. ‘‘पाईप लाईन पर अनुदान उपरान्त भुगतान किये जाने के साथ लाभान्वित कृषक सूची कृषि आयुक्तालय की ए.सी.पी. खा को भिजवाया जाना अनिवार्य होगा। उक्त सूची विभाग की वेब पोर्टल पर अपलोड की जावेगी।’’
6.22. सहायक निदेशक कृषि (विस्तार) के द्वारा आवंटित लक्ष्यों का विभाजन ब्लाॅकवार एवं पंचायतवार किया जावेगा जिसका अनुमोदन जिला कार्यालय के माध्यम से खण्डीय संयुक्त निदेषक कार्यालय से प्राप्त किया जावेगा।
6.23. सहायक निदेषक कृषि (विस्तार) को आवंटित लक्ष्यो में मांग/सर्मपण, उप निदेशक कृषि (विस्तार) के माध्यम से भिजवाने पर ही मुख्यालय स्तर से परिर्वतन किया जा सकेगा।
6.24. जिले को आवंटित लक्ष्यों मे 10-15 प्रतिशत श्रमिक कार्य मनरेगा के माध्यम से पूर्ण कराये जावे। जिले में कृषक द्धारा पीवीसी पाईनलाइन क्रय किये गये पाइपों को भूमि में दबाये जाने का श्रमिक कार्य मनरेगा के माध्यम से कराये जाने पर प्राथमिकता प्रदान की जाकर लक्ष्यों की पूर्ति की जावें ।
6.25. महात्मा गाॅधी नरेगा योजनान्तर्गत कृषि विभाग द्वारा अभिसरण अन्तर्गत विभिन्न गतिविधियो के क्रियान्वयन के संबंध मे कृषि आयुक्तालय द्वारा जारी पत्र क्रंमांक प8(5)आ.कृ./ज.उ/नरेगा/ 2024-15/6616-6713 दि. 22.02.2025 के अनुसार दिशा-निर्देशो का पालन किया जाकर कार्य पूर्ण कराये जावे। दिशा निर्देश कृषि विभाग की वेब साईट पर भी अपलोड है।
6.26. पाईपलाइन योजनान्तर्गत आंवटित लक्ष्यों से अधिक पाईपलाइन के भुगतान हेतु विभाग बाध्य नहीं है तथा आंवटित भौतिक/वित्तीय सीमा में सामान्य, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कृषकों का नियमानुसार अनुपात भी सुनिश्चित् किया जावें।
6.27. कृषि आयुक्तालय से उप जिले को आवंटित निर्धारित भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्याे में वर्ष 2028-19 की लम्बित देनदारियों को कम करते हुऐ ही वर्ष 2029-20 के लिए शेष भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्यों का निर्धारण उप जिला स्तर पर करते हुए कार्यक्रम का क्रियान्वयन करें।
6.28. वर्ष 2028-19 की लम्बित देनदारियों का निस्तारण प्राथमिकता से करें तथा देनदारियों के लिए किसी भी स्थिति में कृषि आयुक्तालय से वित्तीय वर्ष 2029-20 के दौरान उप जिलेवार निर्धारित वित्तीय लक्ष्यों के अतिरिक्त अन्य लक्ष्यों/बजट का आवंटन नहीं किया जायेगा।
6.29. वित्तीय वर्ष 2029-20 में उप जिलें को आवंटित निर्धारित लक्ष्यों के अन्तर्गत 31 मार्च 2020 को केवल बजट अभाव के कारण शेष रही पत्रावलियाँ ही वित्तीय वर्ष की लम्बित देनदारी में मानी जायेगी।
6.30. योजना के प्रावधान अनुसार उप जिलें को आवंटित निर्धारित लक्ष्यों के मध्यनजर ही प्रशासनिक स्वीकृति जारी की जावे। किसी भी स्थति में संबंधित कार्यालयाे को आवंटित वित्तीय प्रावधानों से अधिक प्रशासनिक स्वीकृति जारी नहीं की जावे।
6.31. प्रशासनिक स्वीकृति जारी किये जाने के पश्चात यदि कृषक द्वारा 2 माह में कार्य प्रारम्भ नहीं किया जाता है तो कृषक को नोटिस जारी करते हुऐ उक्त जारी प्रशाासनिक स्वीकृति को नियमानुसार निरस्त करने की कार्यवाही की जावे तथा वरियता क्रम में आने वाले अगले कृषक की प्रशासनिक स्वीकृति जारी की जावे।
6.32. वित्तीय वर्ष में जारी प्रशासनिक स्वीकृति पर यदि कृषक द्वारा प्रशासनिक स्वीकृति जारी तिथी के 4 माह या 31 मार्च तक कृषक द्वारा कार्य पूर्ण नहीं किया जाता है तो उक्त प्रशासनिक स्वीकृति स्वतः निरस्त मानी जायेगी।
योजना से सम्बंधित दस्तावेज
नोट: योजना अपडेशन कार्य प्रगति पर है!
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