किसानों के लिए मोदी सरकार का बड़ा फैसला | 17 फसलों की MSP बढ़ाई गई
किसानों को राहत:सरकार ने खरीफ फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाया, तिल की MSP 523 रु., तुअर और उड़द दाल की 300 रु. बढ़ी
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि फसल विविधिकरण को प्रोत्साहन देते हुए सरकार ने एमएसपी की दरों में ऐतिहासिक वृद्धि की थी, जिससे किसानों की आय में बढ़ोतरी हुई है|
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर
मोदी सरकार ने देश के करोड़ों किसानों को बड़ी सौगात दी है. 17 खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को बढ़ा दिया गया है. कैबिनेट ने बुधवार को यह फैसला लिया. तिल पर 523 रुपये की वृद्धि की गई है. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बताया कि पिछले 8 वर्षों में बीज के बाजार के दृष्टिकोण के कारण फ़ायदा हुआ है. किसानों की आय बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं.
उन्होंने कहा, ”आज की बैठक में खरीफ की 14 फसलों के लिए MSP बढ़ाने का निर्णय लिया गया. पिछले साल जो तय किया गया कि लागत प्लस 50 प्रतिशत, उसे हमने लगातार आगे बढ़ाया है. किसान सम्मान निधि के तहत 2 लाख करोड़ खाते में जा चुका है. फर्टिलाइजर पर 2 लाख 10 हज़ार करोड़ की सब्सिडी दी गयी है.”
उन्होंने आगे कहा कि कृषि बजट भी बढ़कर 1 लाख 26 हजार करोड़ रुपये का हो गया है. हमारी सरकार ने बाकी कई फसलों को भी एमएसपी के दायरे में लेकर आई है. बीमा से सिंचाई तक हर कदम पर सशक्तीकरण हुआ है. कृषि क्षेत्र में कई कदम उठाए गए हैं.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि फसल विविधिकरण को प्रोत्साहन देते हुए सरकार ने एमएसपी की दरों में ऐतिहासिक वृद्धि की थी, जिससे किसानों की आय में बढ़ोतरी हुई और उससे उनकी बिक्री भी बहुत हुई. पिछले आठ सालों में मोदी सरकार के फैसलों से किसानों की आय बढ़ी है. साथ ही, किसानों को राहत भी मिली है.
कोरोना महामारी के दौरान लगातार तीसरे साल सरकार ने खरीफ की फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ाया है। कैबिनेट की बैठक में खरीफ की 14 फसलों की 17 वैरायटियो की नई MSP को मंजूरी दे दी। तिल की MSP 523 रु., तुअर और उड़द दाल की 300 रुपए बढ़ाई गई है। धान (सामान्य) की MSP पिछले साल के 1,940 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 2,040 रुपए प्रति क्विंटल की गई है यानी 100 रुपए ज्यादा। MSP का बजट बढ़कर 1 लाख 26 हजार हो गया है।
किस फसल की MSP कितनी हुई
फसल | MSP 2021-22 (रु. में) | MSP 2022-23 (रु. में) | MSP कितनी बढ़ी (रु. में) |
धान (सामान्य) | 1940 | 2040 | 100 |
धान (A ग्रेड) | 1960 | 2060 | 100 |
ज्वार (हाईब्रिड) | 2738 | 2970 | 232 |
ज्वार (मालदंडी) | 2758 | 2990 | 232 |
बाजरा | 2250 | 2350 | 100 |
रागी | 3377 | 3578 | 202 |
मक्का | 1870 | 1962 | 92 |
तुअर | 6300 | 6600 | 300 |
मूंग | 7275 | 7755 | 480 |
उड़द | 6300 | 6300 | 300 |
मूंगफली | 5550 | 5850 | 300 |
सूरजमुखी | 6025 | 6400 | 385 |
सोयाबीन | 3950 | 4300 | 350 |
तिल | 7307 | 7830 | 523 |
रामतिल | 6930 | 7287 | 357 |
कपास (मिडिल स्टेपल) | 5726 | 6080 | 354 |
कपास (लॉन्ग स्टेपल) | 6025 | 6379 | 354 |
बाजरे का MSP बढ़ाकर 2350 रुपए किया
बाजरा पर MSP बढ़ाकर 2250 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 2350 रुपए प्रति क्विंटल किया गया है। इसके अलावा सोयाबीन का समर्थन मूल्य 3950 रुपए से बढ़ाकर 4300 रुपए किया गया है।
खरीफ की फसलों में कौन-कौन सी फसलें आती हैं?
धान (चावल), मक्का, ज्वार, बाजरा, मूंग, मूंगफली, गन्ना, सोयाबीन, उडद, तुअर, कुल्थी, जूट, सन, कपास आदि। खरीफ की फसलें जून जुलाई में बोई जाती हैं। सितंबर-अक्टूबर में इनकी कटाई होती है।
क्या है MSP या मिनिमम सपोर्ट प्राइज?
MSP वह न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी गारंटेड मूल्य है जो किसानों को उनकी फसल पर मिलता है। भले ही बाजार में उस फसल की कीमतें कम हो। इसके पीछे तर्क यह है कि बाजार में फसलों की कीमतों में होने वाले उतार-चढ़ाव का किसानों पर असर न पड़े। उन्हें न्यूनतम कीमत मिलती रहे।
सरकार हर फसल सीजन से पहले सीएसीपी यानी कमीशन फॉर एग्रीकल्चर कॉस्ट एंड प्राइजेस की सिफारिश पर एमएसपी तय करती है। यदि किसी फसल की बम्पर पैदावार हुई है तो उसकी बाजार में कीमतें कम होती है, तब MSP उनके लिए फिक्स एश्योर्ड प्राइज का काम करती है। यह एक तरह से कीमतों में गिरने पर किसानों को बचाने वाली बीमा पॉलिसी की तरह काम करती है।
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