Select Page

बाजरा उत्पादन की उन्नत कृषि तकनीक

by | Apr 13, 2023 | फ़सलें, उन्नत उत्पादन तकनीक, खरीफ़ की फसल

परिचय : [Latest] Advanced Agricultural Technology of Millet Production बाजरा गरीब का भोजन कहा जाता है। मोटे दाने वाली खाद्यान फसलों में बाजरे का महत्वपूर्ण स्थान है। इसकी खेती दाने व चारे दोनो के लिए कि जाती है। शुष्क व कम वर्षा वाले क्षैत्रों के लिए एक महत्वपूर्ण फसल है। और यह राजस्थान की मुख्य फसल है। बाजरे का 90 प्रतिशत क्षैत्रफल राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, उतर प्रदेश, एवं हरियाणा राज्यों के अन्तर्गत आता है।

बाजरे के दानों में लगभग 12.4 प्रतिशत नमी, 11.6 प्रतिशत प्रोटीन, 5.0 प्रतिशत वसा, 67.0 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट एवं 27.0 प्रतिशत लवण होते है।

  • बाजरा एक ऐसी फसल है ऐसे किसानो जो कि विपरीत परिस्थितियो एवं सीमित वर्षा वाले क्षेत्रो तथा बहुत कम उर्वरको की मात्रा के साथ, जहाँ अन्य फसले अच्छा उत्पादन नही दे पाती के लिए संतुत की जाती है।
  • बाजरा की फसल जो गरीबो का मुख्य श्रोत है- उर्जा, प्रोट्रीन विटामिन, एवं मिनरल का ।
  • बाजरा शुष्क एवं अर्द्धषुष्क क्षेत्रो मे मुख्य रुप से उगायी जाती है, यह इन क्षेत्रो के लिए दाने एवं चारे का मुख्य श्रोत माना जाता है। सूखा सहनषील एवं कम अवधि (मुख्यतः 2-3 माह) की फसल है जो कि लगभग सभी प्रकार की भूमियो मे उगाया जा सकता है।
  • बाजरा क्षेत्र एवं उत्पादन मे एक महत्वपूर्ण फसल है ।जहाँ पर 500-600 मि.मी. वर्षा प्रति वर्ष होती है जो कि देश के शुष्क पष्चिम एवं उत्तरी क्षेत्रो के लिए उपयुक्त रहता है
  • न्यूटिषियन जरनल के अध्ययन के अनुसार भारत वर्ष के 3 साल तक के बच्चे यदि 100 ग्राम बाजरा के आटे का सेवन करते है तो वह अपनी प्रतिदिन की आयरन (लौह) की आवष्यकता की पूर्ति कर सकते है तथा जो 2 साल के बच्चे इसमे कम मात्रा का सेवन करे ।
  • बाजरा का आटा विशेषकर भारतीय महिलाओ के लिए खून की कमी को पूरा करने का एक सुलभ साधन है। भारतवर्ष मे ही नही अपितु संसार मे महिलाये एवं बच्चे मे लौहतत्व (आयरन) एवं मिनरल(खनिज लवण) की कमी पायी जाती है – डा. एरिक बोई, विभागाध्यक्ष न्यूटिषियन हारवेस्टप्लस के अनुसार गेहूँ एवं चावल से, बाजरा आयरन एवं जिंक का एक बेहतर श्रोत है
  • बाजरा की खेती मध्यप्रदेष मे लगभग 2 लाख हे. भूमि मे की जाती है जो मुख्य रुप से मध्यप्रदेष के उत्तरी भाग भिण्ड, मुरैना, श्योपुर तथा ग्वालियर जिले मे उगायी जाती है। भिण्ड जिले मे बाजरा लगभग 45000 हेक्टेयर भूमि पर उगाया जाता है।
  • बाजरा के दानो मे, ज्वार से अच्छी गुणवत्ता के पोषक तत्व पाये जाते है। दानो मे 12.4 प्रतिशत नमी, 11.6 प्रतिषत प्रोटीन, 5 प्रतिषत वसा, 76 प्रतिशत कार्बोहाईड्रेटस तथा 2.7 प्रतिशत मिनरल पाये जाते हैं।
  • बाजरा के दानो को चावल की तरह पकाकर या चपाती बनाकर प्रयोग कर सकते है इसको मुर्गियो के आहार पशुओ के लिए हरे चारे तथा सूखे चारे के लिये भी उपयोग मे लाया जाता है।
बाजरा उत्पादन की उन्नत कृषि तकनीक [Latest] Advanced Agricultural Technology of Millet Production %currentyear%
बाजरा उत्पादन की उन्नत कृषि तकनीक [Latest] Advanced Agricultural Technology of Millet Production

जलवायु

  • बाजरा की फसल तेजी से बढने वाली गर्म जलवायु की फसल है जो कि 40-75 सेमी. वार्षिक वर्षा वाले क्षेत्रो के लिए उपयुक्त होती है। इसमे सूखा सहन करने की अदभुत शक्ति होती है।
  • फसल वृद्धि के समय नम वातावरण अनुकूल रहता है साथ ही फूल अवस्था पर वर्षा का होना इसके लिए हानिकारक होता है क्योंकि वर्षा से परागकरण घुल जाने से वालियो मे कम दाने बनते है। साधारणतः बाजरा को उन क्षेत्र मे उगाया जाता है जहाँ ज्वार को अधिक तापमान एवं कम वर्षा के कारण उगाना संभव न हो।
  • ाजरा की अच्छी बढवार के लिए 20-280 सेन्टीग्रेट तापमान उपयुक्त रहता है

लहसुन की उन्नत उत्पादन तकनीक

भूमि- [Latest] Advanced Agricultural Technology of Millet Production : Land

बाजरा को कई प्रकार की भूमियो काली मिट्टी,दोमट, एवं लाल मृदाओ मे सफलता से उगाया जा सकता है लेकिन पानी भरने की समस्या के लिए बहुत ही सहनशील है।

बाजरा उत्पादन की उन्नत कृषि तकनीक
बाजरा उत्पादन की उन्नत कृषि तकनीक 14

बाजरे की उन्नत प्रमुख संकर एवं संकुल किस्में:-

राज-171, एच.एच.बी.-67, एच.एच.बी.-60, एच.एच.बी.-216, एच.एच.बी.-226, एच.एच.बी.-234, आई.सी.एम.एच.-356, आर.एच.बी.-154, आर.एच.बी.-177, आर.एच.बी.-90, आर.एच.बी.-58, जी.एच.बी.-757, जी.एच.बी.-538, मण्डोर बाजरा कम्पोजिट-2, आर.एच.बी.-121, सी.जेड.पी.-9802, एम.एच.-169, डब्ल्यू.सी.सी.-75.

हाईब्रिड

क्र.किस्मअधिसूचना वर्षकेन्द्र का नामअनुकूल क्षेत्रविशेष गुण,
1के.वी.एच. 108 (एम.एच. 1737)2024कृष्णा सीड़ प्रा.लि. आगराम.प्र.,उ.प्र., पंजाब, दिल्ली, हरियाणा,गुजरात, राजस्थान,देर से पकने के लिए, बडे पौधे, डाउनीमिल्ड्यू, ब्लास्ट एवं स्मट प्रतिरोधी
2जी.वी.एच. 905 (एम.एच. 1055)2023ए.आई.सी.पी.एम. आई.पी.एम.आर.एस. जामनगरम.प्र.,उ.प्र., पंजाब, दिल्ली, हरियाणा,गुजरात, राजस्थान,मध्यम अवधि, मध्यम उचाई, डाउनीमिल्ड्यू प्रतिरोधी
386 एम 89 (एम एच 1747)2023पायोनीयर ओवरसीज को. हैदराबादम.प्र.,उ.प्र., पंजाब, दिल्ली, हरियाणा,गुजरात, राजस्थान,देर से पकने वाली, बडे पौधे, डाउनीमिल्ड्यू प्रतिरोधी
4एम.पी.एम.एच 17(एम.एच.1663)2023ए.आई.सी.पी.एम.आई.पी. जोधपुरम.प्र.,उ.प्र., पंजाब, दिल्ली, हरियाणा,गुजरात, राजस्थान,मध्यम अवधि एवं उचाई, डाउनीमिल्डयू सहिष्णुता
5कवेरी सुपर वोस (एम.एच.1553)2022कावेरी सीड को.लि. सिकन्दराबादम.प्र.,उ.प्र., पंजाब, हरियाणा,गुजरात, राजस्थान,देर से पकने वाली, बडे पौधे
686 एम. 86 (एम. एच. 1684)2022पायोनीयर ओवरसीज को. हैदराबादम.प्र.,उ.प्र., पंजाब, हरियाणा,गुजरात, राजस्थान,देर से पकने वाली, मध्यम उचाई
786 एम. 86 (एम. एच. 1617)2021ए.आई.सी.पी.एम.आई.पी.टी.एन.ए.यू.   कोयम्बटूरम.प्र. गुजरात, हरियाणा, राज. उ.प्र. दिल्ली, पंजाबदेर से पकने वाली, मध्यम उचाई, डाउनीमिल्ड्यू प्रतिरोधी
8आर.एच.बी. 173(एम.एच. 1446)2021ए.आई.सी.पी.एम.आई.पी.एस.के.आर.ए.यू.   जयपुरम.प्र. गुजरात, हरियाणा, राज. उ.प्र. दिल्ली, पंजाबमध्यम अवधि, मध्यम से बडी उचाई, डाउनीमिल्ड्यू सहिष्ण
9एच.एच.बी. 223(एम.एच. 1468)2020ए.आईसी.पी.एम. आई.पी.सी.एस.एच.ए.यू. हिसारम.प्र. गुजरात, हरियाणा, राज. उ.प्र. दिल्ली, पंजाबमध्यम अवधि, डाउनीमिल्डयू प्रतिरोधी, सूखा सहिष्णु
10एम.वी.एच. 1301986महिको जालनासम्पूर्ण भारत80-85 दिन अवधि, मध्यम उचाई
प्रजातियाँ (अनाज एंव चारे के लिऐ )
1जे.सी.बी. 4(एम.पी. 403)2007ए.आई.सी.पी.एम.आई.पीसी.ओ.ए., ग्वालियरम.प्र.अवधि 75 दिन, मध्यम उचाई
2सी.जेड.पी. 98022003कजरी, जोधपुरसूखाग्रस्त क्षेत्र- राज.,गुजरात, हरियाणा70-72 दिन, मध्यम उचाई, सूखा सहिष्णुता अधिक कडवी, हाईब्रिड
3जवाहर बाजरा -32002जवाहरलाल नेहरु कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुरम.प्र.उपज 18-20 क्वि./हे., अवधि 75-80 दिन डाउनीमिल्ड्यू प्रतिरोधी
4जवाहर बाजरा -42002जवाहरलाल नेहरु कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुरम.प्र.उपज 15-27 क्वि./हे., अवधि 75-80 दिन डाउनीमिल्ड्यू प्रतिरोधी
5देशी(क्षेत्रीय किस्म)विशेष रुप से हरे चारे के लिएउपज 12-15 क्वि./हे., सूखी कडवी 125-150 क्विंटल/हेक्टेयर

ग्वार उत्पादन की उन्नत कृषि तकनीक

बाजरा उत्पादन की उन्नत कृषि तकनीक
बाजरा उत्पादन की उन्नत कृषि तकनीक 15

खेत की तैयारी:-

खेत की तैयारी फसल की समय से बुवाई सुनिश्चित करती है। खेत की तैयारी इस प्रकार करनी चाहिए कि पूर्व फसल अवशेष एवं अवांछित खरपतवार अच्छी तरह मिट्टी के नीचे दब जाये एवं मिट्टी भुरभुरी हो जाये।

एक गहरी जुताई, मिट्टी पलटने वाले हल से करनी चाहिए उसके बाद 2-3 जुताई, डिस्क द्वारा की जा सकती है। खेत से अतिरिक्त पानी की निकासी के लिए खेत का समतल होना अतिआवश्यक है। बाजरा का बीज बारीक होन के कारण खेत को अच्छी तरह से तैयार करना चाहिए।

एक गहरी जुताई के बाद 2-3 बार हल से जुताई कर खेत को समतल करना चाहिए, जिससे खेत मे पानी न रुक सके, साथ मे पानी के निकास की उचित व्यवस्था की जानी चाहिए। बुवाई के 15 दिन पूर्व 10-15 टन प्रति हेक्टेयर सडी गोबर की खाद डालकर हल द्वारा उसे भलीभॉती मिट्टी मे मिला देते हैं। दीमक के प्रकोप की संभावना होने पर प्रति 25 कि.ग्रा./हेक्टेयर क्लोरोपायरीफॉस 1.5 प्रतिषत चूर्ण खेत मे मिलाये।

बाजरा उत्पादन की उन्नत कृषि तकनीक
बाजरा उत्पादन की उन्नत कृषि तकनीक 16

अन्य कृषि मंडियों के आज के भाव-

बुवाई का समय एवं विधि-

वर्षा प्रारंभ होते ही जुलाई के दूसरे सप्ताह तक इसे कतारो मे बीज को 2-3 सेमी. गहराई पर बोना चाहिए। लाइन से लाइन 45 से.मी. तथा पौधे से पौधे की दूरी 10 -15 सेमी. उपयुक्त होती है।

चना उत्पादन की उन्नत कृषि तकनीक

फसल चक्र-

  • बाजरा-जौ बाजरा-गेहूँ
  • बाजरा-चना बाजरा-मटर
  • बाजरा-सरसों आदि ।
बाजरा उत्पादन की उन्नत कृषि तकनीक
बाजरा उत्पादन की उन्नत कृषि तकनीक 17


अन्र्तवर्तीय फसलें –

अन्तवर्तीय फसले जैसे बाजरा की दो पंक्तियों के बीच में दो पंक्ति उडद/ मूंग की लगाने से उडद/मूंग की लगभग 3 क्विंटल/हेक्टेयर तक अतिरिक्त उपज मिलती है।
बाजरा की दो पंक्तियो के बीच मे 2 पक्ति लोबिया की लगाने से इससे 45 दिन के अंदर 80-90 क्विंटल/हेक्टेयर तक अतिरिक्त हरा चारा मिल जाता है।

पौधे रोपण़-

बाजरा की समय से बोनी का न हो पाना उसके लिए कई कारण उत्तरदायी हो सकते है – जैसे मानसून का देर से आना, भारी एवं लगातार वर्षा का बोनी के उपयुक्त समय पर हाना अथवा गर्मी की फसल देर से कटाई आदि। इन परिस्थितियो मे बाजरा की पौध रोपण करना ज्यादा उत्पादन देता है बजाय सीधी बीज बुवाई के। पौध रोपण के निम्न लाभ होते है-

  • पौध रोपण से फसल शीध्र पक जाती है तथा देरी से कम तापमान का प्रभाव दाने बनने पर नही पडता।2 अच्छी वृद्धि के कारण अधिक कल्ले एवं वाली निकलती है।
  • पौधे की संतुत संख्या रख सकते है।
  • रोपे हुए पौधे अच्छी वृद्धि करते है क्योंकि लगभग तीन सप्ताह पुराने पौधे लगातार वर्षा स्थिति को अच्छी तरह से सहन कर सकते है।
  • डाउनीमिल्डयू से प्रभावित पौधे को लगाने के समय उनको निकाला जा सकता है।आरम्भ होने के बाद दो- तीन बार हल या बखर चलाकर खेत को समतल करे । वर्षा आरम्भ होने के पहले बोनी करने से पौधो की बढ़वार अच्छी होती है।

मसूर उत्पादन की उन्नत कृषिमसूर उत्पादन की उन्नत कृषि तकनीक तकनीक

बाजरा उत्पादन की उन्नत कृषि तकनीक
बाजरा उत्पादन की उन्नत कृषि तकनीक 18

पौधरोपण के लिए नर्सरी तैयार करना-

एक हेक्टेयर भूमि के लिए 2 कि.ग्रा. बाजरा को 500-600 वर्ग मी. क्षेत्रफल मे बोना चाहिए। बीज को 1.2 मी.X 7.50 मी (चैडाई X लम्बाई) क्यारियों मे 10 सेमी. दूरी एवं 1.5 सेमी.की गहराई पर बोना चाहिए। पौधे की अच्छी बढवार के लिए नर्सरी मे 25-30 कि.ग्रा. कैल्सियम अमेनियम नाईटेªट का प्रयोग करते है। नर्सरी से पौधो को तीन सप्ताह बाद उखाडकर खेत मे रोपण कर देना चाहिए। साथ ही पौधे को उखाडते समय नर्सरी की क्यारियाँ गीली होनी चाहिए जिससे पौधो को उखाडते समय उनकी जडे प्रभावित न होने पायें।

पौधे को उखाडने के बाद बढवार बिन्दू से ऊपर के भाग का तोड़ देते है जिससे कम से कम ट्रांसपाइरेषन (वाष्पोत्सर्जन) हो सके। साथ ही साथ रोपण उस दिन करना चाहिए जिस दिन वर्षा हो रही हो। यदि वर्षा नही हो रही तो खेत मे सिचांई कर देना चाहिए जिससे पौध आसानी से रोपित हो सकें। एक छेद मे एक पौधे को 50 सेमी. की दूरी तथा पौधे से पौधे की दूरी 10 सेमी. दूरी रखते है। जुलाई के तीसरे सप्ताह से लेकर अगस्त के दूसरे सप्ताह तक कर देनी चाहिए।


AGRICULTUREPEDIA से जुड़ना न भूलें 😍


बीज की मात्रा:-

बीज दर प्रजाती की अंकुरण क्षमता, 1000 दानों का भार एवं पौधों की संख्या प्रति हेक्टेयर पर निर्भर करती है। बाजरे की एकल फसल के लिए 4 किलोग्राम प्रमाणित बीज प्रति हैक्टेयर के हिसाब से प्रयोग की जाती है।

बीज बुवाई के तुरंत पष्चात वर्षा होने पर हल्की भूमियों में कड़ी पपड़ी बन जाती हैं। इस कारण बाजरे में अंकुरण कम होता है और कई बार तो दुबारा बुवाई करनी पड़ जाती है। इस कारण किसान को नुकसान होता है। इस समस्या से बचने के लिए कि कड़ी परत न बने इसके लिए खेत में उचित कार्बनिक खाद का उपयोग कर ही बीज की बुवाई करें।

बाजरा उत्पादन की उन्नत कृषि तकनीक
बाजरा उत्पादन की उन्नत कृषि तकनीक 19

बीजोपचार:-

भूमि एवं बीज जनित बीमारियों एवं कीटों की रोकथाम के लिए बीज उपचार अतिआवष्यक है। अरगट रोग के नियन्त्रण के लिए 20 प्रतिषत नमक के घोल (5 लीटर पानी में एक किलो नमक) में बीजों को 5 मिनट डूबोकर, निथार कर धोकर सूखा लें।

उन क्षेत्रों में जहाँ डाउनी मिल्डयू होने की सम्भावना हो, बीज को मेटालेक्जाइल (6 ग्राम प्रति कि.ग्रा. बीज) से उपचारित करें। एजेटोबैक्टर 600 ग्राम (3 पैकेट)+पी.एस.बी. कल्चर 600ग्राम(3 पैकेट) प्रति हैक्टयर की दर से गुड़ के पानी में घोल बनाकर बीजोपचार करें। सफेद लट नियन्त्रण के लिए एक किलो बीज में 3 किलो कार्बोफ्यूरॉन 3 प्रतिषत कण मिलाकर उपचारित करके बोयें।

खाद एवं उर्वरक प्रयोग:-

उर्वरकों का प्रयोग करने से पहले खेत कि मिट्टी की जाँच करा लेनी चाहिए और मिट्टी जाँच के आधार पर मृदा स्वास्थ्य कार्ड में सिफारिष की गई मात्रा के अनुसार ही उर्वरकों का प्रयोग करना चाहिए।

बुवाई के 2-3 सप्ताह पूर्व गोबर की खाद 8-10 टन प्रति हैक्टेयर या 2.0-2.5 टन वर्मी कम्पोस्ट खेत में बिखेर कर जुताई कर देनी चाहिए। उर्वरक सिंचित एवं असिंचित क्षेत्राें के लिए अलग-अलग मात्रा में प्रयोग किये जाते है।

सिंचित क्षेत्रों के लिए:

नत्रजन 80-100 कि.ग्रा., फॉस्फोरस 40-50 कि.ग्रा., एवं पोटाष 40-50 कि.ग्रा., प्रति हैक्टेयर की दर से प्रयोग कि जा सकती है। मुख्यत: नत्रजन की आधी एवं फॉस्फोरस एवं पोटाष की पूरी मात्रा बुवाई के समय देनी चाहिए। नत्रजन की षेष मात्रा दो भागों में बुवाई के 3 सप्ताह एवं 5 सप्ताह बाद प्रयोग कर सकते है।

असिंचित क्षेत्रों के लिए: शुष्क एवं कम वर्षा वाले क्षेत्रों में नत्रजन 30-40 कि.ग्रा., फॉस्फोरस 25 कि.ग्रा., एवं पोटाष 25 कि.ग्रा., प्रति हैक्टेयर की दर से प्रयोग कि जा सकती है।

बुवाई के पहले 40 कि.ग्रा. नत्रजन, 40 कि.ग्रा. स्फुर तथा 20 कि.ग्रा. पोटाष प्रति हेक्टेयर देना चाहिए। बोेने के लगभग 30 दिन पर शेष 40 कि.ग्रा. नत्रजन प्रति हेक्टेयर देनी चाहिए। उर्वरकों की आधार मात्रा सदैव बीज के नीचे 4-5 सेमी. गहराई पर बोते हैं।

हाईब्रिड बाजरा मे समन्वित पोषक तत्व प्रबंधन
बाजरा मे समन्वित खरपतवार नियंत्रण हेतु एट्राजीन 1 किग्रा.सक्रिय तत्व/हे. बोनी के 3 दिन के अंदर + 20-25 दिन पर एक हाथ से निराई
देशी बाजरा (क्षेत्रीय किस्म) मुख्य रुप से चारे के लिए, उपज- 12-15 क्विं/हे.कडवी 250-300 क्विं/हेक्टेयर, सूखी कडवी 125-150 क्विंटल/ हेक्टेयर

मूंग उत्पादन की उन्नत कृषि तकनीक

समन्वित खरपतवार नियंत्रण-

खेत मे जहा पर अधिक पौधो उगे हो उन्हे वर्षा वाले दिन निकालकर उन स्थानो पर लगाये जिस स्थान पर पौधो की संख्या कम हो। यह कार्य बीज जमने के लगभग 15 दिन पर कर देना चाहिए । बोनी के 20 – 25 दिन पर एक बार निदाई कर देनी चाहिए। चैडी पत्ती के खरपतवारों के नियंत्रण हेतु बोनी के 25-30 दिन पर 2,4 डी 500 ग्राम मात्रा 400-500 ली. पानी मे घोल बनाकर छिडकाव करे । सकरी एवं चैडी पत्ती के खरपतवारो के नियंत्रण के लिए बोनी के तुरंत बाद एट्राजीन 1 किलोग्राम सक्रिय तत्व प्रति हेक्टे. 400-500 लीटर पानी मे मिलाकर छिडकाव करना चाहिए।

सिंचाई-

बाजरा एक वर्षाधारित फसल है इसलिये इसको पानी सिचांई की कम ही आवष्यकता होती है जब वर्षा न हो तब फसल की सिंचाई करनी चाहिए। साधारणतः फसल को सिंचाइयो की इसकी बढवार के समय आवष्यकता होती है। यदि वाली निकलते समय कम नमी है तो इस समय सिंचाई की आवष्कता पडती है क्योंकि उस स्तर पर नमी की बहुत आवष्कता होती है। बाजरा की फसल अधिक देर तक पानी भराव को सहन नही कर सकती इसलियें पानी के निकास का उचित प्रबंध करना चाहिए।

कीट प्रबंधन:-

कातरा:

कातरे की लट फसलों को अत्यधिक नुकसान पँहुचाती हैं। मानसून की वर्षा होते ही इस कीट के पतंगे निकलना शुरू हो जाते है। इन पतंगो को प्रकाष की ओर आकर्षित करके नष्ट किया जा सकता हैं।

नियन्त्रण हेतु प्रकाष पाष का खेत में उपयोग कर आकर्षित करके निचे पानी व केरोसीन मिलाकर परात में रख देनें से पतंगे इस में गिरकर नष्ट हो जायेंगे। मिथाइल पैराथियान 2 प्रतिषत या क्यूनॉलफास 1.5 प्रतिषत चूर्ण का 25 किलो प्रति हेक्टेयर की दर से भुरकाव करें। जहाँ पानी उपलब्ध हो वहाँ डाइक्लोरोवास 100 ई.सी. 300 मि.ली. प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़कें।

सफेद लट:

मानसून की वर्षा होते ही इस कीट के भृंग निकलना शुरू हो जाते है। इन भृंगो को प्रकाष की ओर आकर्षित करके नष्ट किया जा सकता हैं।

नियन्त्रण हेतु प्रकाष पाष का खेत में उपयोग कर आकर्षित करके नीचे पानी व केरोसीन मिलाकर परात में रख देनें से पतंगे इस में गिरकर नष्ट हो जायेंगे। फसल में लटों के प्रकोप की रोकथाम के लिये क्यूनॉलफास 5 प्रतिषत कण या कार्बोफ्यूरान 3 प्रतिषत कण 25 किलो प्रति हेक्टेयर की दर से बुवाई से पूर्व कतारों मे ऊर देना चाहिए तथा गर्मियों में गहरी जुताई करनी चाहिए।

तना मक्खी:

इस कीट की गिडार पौधों को बढ़वार की प्रारंम्भिक अवस्था में काट देती हैं। जिससे पौधा सूख जाता है।

इसके नियन्त्रण के लिए थिमेट 10 जी. को 15-20 किग्रा. प्रति हेक्टेयर की दर से कूड़ो मे डालना चाहिए।

बीटल एवं ईयर हैड बग:

मिथाइल पैराथियान 2 प्रतिषत या क्यूनॉलफास 1.5 प्रतिषत चूर्ण का 25 किलो प्रति हेक्टेयर की दर से भुरकाव करें।

दीमक:

खेत में अच्छी तरह से सड़ी गोबर की खाद डालें तथा खड़ी फसल में दीमक का प्रकोप होने पर क्लारोपाइरीफॉस 4 लीटर प्रति हेक्टेयर की दर से सिंचाई के साथ देना चाहिए।

बाजरे मे रोग प्रबंधन:-

हरित बाली रोग( जागिया):

बीज को उपचारित करके ही बुवाई करें। रोग दिखाई देने पर बुवाई के 21 दिन बाद मैन्काजेब 2 किलो प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़के। तथा रोग रोधी किस्में डब्ल्यू.सी.सी.-75, राज-171, आर.एच.बी.-90, एच.एच.बी.-67, एम.एच.-169 बोयें एवं रोगग्रसित पौधों को खेत से निकालकर नष्ट कर देवें।

अर्गट:

यह बाजरे का अतिभंयकर रोग है तथा इसे चेपा या चपका एवं गूदिंया के नाम से जाना जाता है। इस रोग का प्रभाव फसल में फूल आते समय होता है। रोगग्रसित फूलों में से हल्के गुलाबी रंग का गाढ़ा तथा चिपचिपा शहद जैसा तरल पदार्थ निकलता है।

रोग ग्रसित पौधों को खेत से निकालकर नष्ट कर देवें। अधिक प्रकोप होने पर एक हैक्टेयर में 2 किलोग्राम मैंकाजेब 700-800 लीटर पानी में घोलकर छिड़कें। अर्गट रोग के लिए रोग रोधी किस्मों जैसे- आई.सी.टी.पी.8203, आई.सी.एम.वी.155 का प्रयोग करना चाहिए। बीज को नमक के घोल में उपचारित कर काम में लेवें।

ध्यान दें: अर्गट ग्रसित अनाज विषैला होने के कारण मनुष्य व पषु दोनों के लिए घातक होता है।

समय से बुवाई करने पर कीट संख्या कम हो जाती है, प्रकास प्रपंच का प्रयोग कीटो की निगरानी हेतु करना, ब्हाइट ग्रब बीटल को यांत्रिक विधि से एकत्रित कर नष्ट करना।

कीट एवं बीमारियाँनियंत्रण के उपाय
तना छेदक, ब्लिस्टर बीटल, ईयरहेड, केटर पिलरप्रारंभिक अवस्था मे कीट प्रभावित पौधो को उखाड कर नष्ट कर देना चाहिए NSKE (नीमषत)/ 5 % का छिडकाव कम से कम 2 बार करना जिससे कीटो की संख्याकम हो सके। निमोटोड नियंत्रण हेतु नीमखली / 200 कि.ग्रा. प्रति हेक्टेयर प्रयोग करे। तनाछेदक मक्खी (Shootfly ) के अधिक प्रकोप होने पर इसके नियंत्रण हेतु कार्बोफ्यूरॉन3 जी. / 8-10 कि.ग्रा. प्रति हेक्टेयर अथवा मोनोकोटोफॉस 30 एस.एल.की 750 एम.एल. मात्रा600 लीटर पानी मे मिलाकर छिडकाव करें।
मृदुरोमिल आसित (हरित वाली या डाउनीमिल्ड्यू)निरोधक प्रजाति – जे.वी.-3, जे.वी. 4 प्रजाति अपनायें, बीजो को फफूदनाषक दवा एप्राॅन 35 एस.डी. 6 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज से उपचारित करबोनी करे। प्रभावित पौधो को देखकर उखाडना, 30 दिन फसल अवधि पर 0.2 प्रतिषत मैनकोजैब का छिडकाव डाउनीमिल्ड्यू नियंत्रण हेतु याथीरम0.2 प्रतिषत का छिडकाव 3 बार 50 प्रतिषत फूल बनने पर करे।
कड़वा रोगजे.बी.एच.-2, जे. बी.एच.-3 एवं आई.सी.एम.बी. – 221 प्रजातियो मे रोग का प्रभाव कम होताहै।

कटाई:-

फसल पकने के समय दाने गहरे काले रंग के हो जाते है। सामान्यत: बाजरे की फसल 75-85 दिन के अन्दर पक जाती है। जब दानों में नमी की मात्रा 20 प्रतिषत हो तभी बालियां पौधे से अलग करनी चाहिए।

उपज व भण्ड़ारण:-

फसल की बालियों को मंडाई से पूर्व अच्छी तरह सूखा लेना चाहिए। थ्रेसर से निकलाने के पष्चात दानाें को साफ कर एवं सूखाकर उनका भण्डारण किया जा सकता हैं। बाजरे के भण्डारण के समय दानों में नमी की मात्रा 12-14 प्रतिषत होनी चाहिए। किस्म के अनुसार बाजरे की औसत उपज 20-35 क्ंविटल दाना एवं 70-100 क्ंविटल कड़बी/चारा प्रति हैक्टेयर प्राप्त की जा सकती है।

फसल पूर्ण रुप से पकने पर कटाई करे फसल के ढेर को खेत मे खडा रखे तथा गहाई के बाद बीज की ओसाई करे। दानो को धूप मे अच्छी तरह सुखाकर भण्डारित करे।

उपज-

  • वैज्ञानिक तरीके से सिंचित अवस्था मे खेती करने पर प्रजातियो से 30 -35 क्विटल दाना
  • हाईब्रिड प्रजातिया लगाने तथा वैज्ञानिक तरीके से प्रबंधन मे 40-45 क्विटल तक उपज प्राप्त होती है।
  • वर्षाधारित खेती मे 12-15 क्विटंल तक दाना तथा 70 क्विटल तक सूखी कडवीं प्राप्त होती है।

औसत आय – व्यय प्रति हेक्टेयर का आंकलन –

आय- औसत दाना 40 क्विंटल / 1250 प्रति क्विंटल =50000/- + कडवी- 5000/- प्रति हेक्टेयर
कुल आय =55000 /-
कुल लागत =30000/-
शुद्ध आय =25000/-

AGRICULTUREPEDIA.IN के नवीनतम अपडेट-

जीरा उत्पादन की उन्नत तकनीकी

Advanced technology of cumin production जीरा उत्पादन की उन्नत तकनीकी

सौंफ की उन्नत खेतीबाड़ी

Improved Cultivation of Fennel / सौंफ की उन्नत खेतीबाड़ी

अच्छी निर्यात मांग के कारण कीमतें बढ़ने के बाद मुनाफावसूली से जीरा में गिरावट आई

अच्छी निर्यात मांग के कारण कीमतें बढ़ने के बाद मुनाफावसूली से जीरा में गिरावट आई Jeera dropped on profit booking after prices rose due to good export demand

देवली टोंक कृषि मंडी आज के भाव

Deoli mandi ke latest bhav 2023 : mandi ke bhav आजके देवली मंडी भाव देवली KRISHI MANDI KE BHAV AAJ KE Deoli KRISHI MANDI BHAV देवली मंडी सबसे लेटेस्ट भाव कृषि उपज मंडी देवली agriculturepedia Rajasthan Mandi Bhav नवीनतम भाव उपलब्ध : Deoli Mandi Bhav

आज के रायसिंहनगर कृषि मंडी भाव

Raisinghnagar Mandi Ke Latest Bhav 2023 आजके गंगानगर मंडी भाव रायसिंहनगर KRISHI MANDI KE BHAV AAJ KE RAISINGHNAGAR KRISHI MANDI BHAV रायसिंहनगर मंडी सबसे लेटेस्ट भाव कृषि उपज मंडी रायसिंहनगर Rajasthan Mandi Bhav

आज के गंगानगर मंडी के भाव 10 जून 2023

आज के गंगानगर मंडी के भाव 10 जून 2023 ☘️ Amazing Latest Ganganagar Mandi Ke Bhav 10-06-23 का मुंग, मोठ, जीरा, ग्वार, सोयाबीन, रायडा, पीली सरसों और सौंफ आदि का भाव विस्तार से देखे

आज के बारां कृषि मंडी भाव

BARAN mandi ke latest bhav 2023 आजके बारां मंडी भाव बारां KRISHI MANDI KE BHAV AAJ KE BARAN KRISHI MANDI BHAV बारां मंडी सबसे लेटेस्ट भाव कृषि उपज मंडी बारां Rajasthan Mandi Bhav नवीनतम भाव उपलब्ध : BARAN Mandi Bhav BARAN mandi ke latest bhav 2023

आज के बीकानेर मंडी के भाव 10 जून 2023

आज के बीकानेर मंडी के भाव 10 जून 2023 ☘️ Amazing Latest Bikaner Mandi Ke Bhav 10-06-23 का मुंग, मोठ, जीरा, ग्वार, सोयाबीन, रायडा, पीली सरसों और सौंफ आदि का भाव विस्तार से देखे

आज के मेड़ता मंडी के भाव 10 जून 2023

आज के मेड़ता मंडी के भाव 10 जून 2023 ☘️ Amazing Latest MERTA Mandi Ke Bhav 10-06-23 का मुंग, मोठ, जीरा, ग्वार, सोयाबीन, रायडा, पीली सरसों और सौंफ आदि का भाव विस्तार से देखे

आज के फलोदी मंडी के भाव 10 जून 2023

आज के फलोदी मंडी के भाव 10 जून 2023 ☘️ Amazing Latest Phalodi Mandi Ke Bhav 10-06-23 का मुंग, मोठ, जीरा, ग्वार, सोयाबीन, रायडा, पीली सरसों और सौंफ आदि का भाव विस्तार से देखे.

आज के ब्यावर मंडी के भाव 10 जून 2023

आज के ब्यावर मंडी के भाव 10 जून 2023 ☘️ Amazing Latest Beawar Mandi Ke Bhav 10-06-23 का मुंग, मोठ, जीरा, ग्वार, सोयाबीन, रायडा, पीली सरसों और सौंफ आदि का भाव विस्तार से देखे

आज के किशनगढ़ मंडी के भाव 10 जून 2023

आज के किशनगढ़ मंडी के भाव 10 जून 2023 ☘️ Amazing Latest Kishangarh Mandi Ke Bhav 10-06-23 का मुंग, मोठ, जीरा, ग्वार, सोयाबीन, रायडा, पीली सरसों और सौंफ आदि का भाव विस्तार से देखे.

आज के सुरतगढ़ कृषि मंडी के भाव 10 जून 2023

आज के सुरतगढ़ मंडी के भाव 10 जून 2023 ☘️ Amazing Latest Suratgarh Mandi Ke Bhav 10-06-23 का मुंग, मोठ, जीरा, ग्वार, सोयाबीन, रायडा, पीली सरसों और सौंफ आदि का भाव विस्तार से देखे.

आज के नोखा मंडी के भाव 10 जून 2023

आज के नोखा मंडी के भाव 10 जून 2023 ☘️ Amazing Latest Nokha Mandi Ke Bhav 10-06-23 का मुंग, मोठ, जीरा, ग्वार, सोयाबीन, रायडा, पीली सरसों और सौंफ आदि का भाव विस्तार से देखे

आज के ओसियां मंडी के भाव 10 जून 2023

आज के ओसियां मंडी के भाव 10 जून 2023 ☘️ Amazing Latest Osian Mandi Ke Bhav 10-06-23 का मुंग, मोठ, जीरा, ग्वार, सोयाबीन, रायडा, पीली सरसों और सौंफ आदि का भाव विस्तार से देखे.

आज के बिलाड़ा मंडी के भाव 10 जून 2023

आज के बिलाड़ा मंडी के भाव 10 जून 2023 ☘️ Amazing Latest Bilara Mandi Ke Bhav 10-06-23 का मुंग, मोठ, जीरा, ग्वार, सोयाबीन, रायडा, पीली सरसों और सौंफ आदि का भाव विस्तार से देखे.

आज के भगत की कोठी मंडी के भाव 10 जून 2023

आज के भगत की कोठी मंडी के भाव 10 जून 2023 ☘️ Amazing Latest Bhagat Ki Kothi Mandi Ke Bhav 10-06-23 का मुंग, मोठ, जीरा, ग्वार, सोयाबीन, रायडा, पीली सरसों और सौंफ आदि का भाव विस्तार से देखे.

आज के जोधपुर मंडी के भाव 10 जून 2023

आज के जोधपुर मंडी के भाव 10 जून 2023 ☘️ Amazing Latest Jodhpur Mandi Ke Bhav 10-06-23 का मुंग, मोठ, जीरा, ग्वार, सोयाबीन, रायडा, पीली सरसों और सौंफ आदि का भाव विस्तार से देखे.

आज के डेगाना मंडी के भाव 10 जून 2023

आज के डेगाना मंडी के भाव 10 जून 2023 ☘️ Amazing Latest Degana Mandi Ke Bhav 10-06-23 का मुंग, मोठ, जीरा, ग्वार, सोयाबीन, रायडा, पीली सरसों और सौंफ आदि का भाव विस्तार से देखे

आज के नोहर मंडी के भाव 10 जून 2023

आज के नोहर मंडी के भाव 10 जून 2023 ☘️ Amazing Latest Nohar Mandi Ke Bhav 10-06-23 का मुंग, मोठ, जीरा, ग्वार, सोयाबीन, रायडा, पीली सरसों और सौंफ आदि का भाव विस्तार से देखे.

हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें Click Here new-gif.gif

आपके लिए उपयोगी पोस्ट जरूर पढ़े और शेयर करे

✍Imp. UPDATE किसान भाइयो के लिए खेतीबाड़ी और कृषि मंडी भाव के लिए टेलीग्राम चैनल बनाया है। आपसे आग्रह हैं कि आप हमारे टेलीग्राम चैनल से जरूर जुड़े ताकि आप हमारे लेटेस्ट अपडेट के फ्री अलर्ट प्राप्त कर सकें टेलीग्राम चैनल के माध्यम से आपको किसान समाचार, किसान योजनाएँ, उर्वरक, कृषि मंडी के भाव और किसानो की सभी जानकारियोँ की अपडेट मिलती रहेगी और आप हमारी पोस्ट को अपने व्हाट्सअप  और फेसबुक पर कृपया जरूर शेयर कीजिए ⟳ Thanks By  AGRICULTUREPEDIA.IN Team Join Now

GETBESTJOB WHATSAPP GROUP 2021 GETBESTJOB TELEGRAM GROUP 2021

कृषि के इस अपडेट को आप अपने मित्रो, कृषको और उनके सोशल प्लेटफोर्म पर अवश्य शेयर करके आप किसान भाइयो का सकारात्मक सहयोग करेंगे|

❤️🙏आपका हृदय से आभार 🙏❤️

राजस्थान की महत्वपूर्ण मंडियों के भाव

🌾 आज 20 मई के भाव ☘️ श्री विजयनगर मंडी के भाव सरसों 4200 से 4630, गेहूं 2050 से 2280, नरमा 7500 से 7840, ग्वार 5100 से 5301, बाजरी 2000 से 2200, मुंग 6800 से 7700, जौ 1600 से 1850, चना 4500 से 4680, कपास 8000 से 8200 ☘️ अनूपगढ़ मंडी के भाव सरसों 4000 से 4650, ग्वार 5000 से 5265, नरमा 7200 से 7881, मुंग 7000 से 7880, गेहूं 1980 से 2260, चना 4500 से 4760, बाजरी 2100 से 2150, कपास 7500 से 8100 ☘️ ऐलनाबाद मंडी का भाव नरमा 7500 से 7800, सरसों 4000 से 4741, ग्वार 4900 से 5290, कनक 2150 से 2345, अरिंड 5700 से 6100, चना 4400 से 4700, मुंग 6500 से 7800 ☘️ आदमपुर मंडी का भाव नरमा 7500 से 7700, सरसों 4200 से 4850, ग्वार 5000 से 5311,गेहूं 2060 से 2300,जौ 1650 से 1800 🌾 अपडेट के लिए पढते रहे AGRICULTUREPEDIA

आज के ग्वार भाव

🌾 आज 20 मई ग्वार के भाव मेड़ता मंडी ग्वार का भाव : 5050 से 5530 डेगाना मंडी ग्वार का भाव : 4500 से 5480 नागौर मंडी ग्वार का भाव : 4800 से 5450 नोखा मंडी ग्वार का भाव : 5100 से 5480 बीकानेर मंडी ग्वार का भाव : 5400 से 5460 बिलाड़ा मंडी ग्वार का भाव : 5200 से 5400 जोधपुर मंडी ग्वार का भाव : 4800 से 5465 फलोदी मंडी ग्वार का भाव : 4900 से 5451 ओसियां मंडी ग्वार का भाव : 5100 से 5460 किशनगढ़ मंडी ग्वार का भाव : 5000 से 5370 ब्यावर मंडी ग्वार का भाव : 4900 से 5441 बिजयनगर मंडी ग्वार का भाव : 4800 से 5430 भगत की कोठी मंडी ग्वार का भाव : 5100 से 5420 नोहर मंडी ग्वार का भाव : 5400 से 5460 सूरतगढ़ मंडी ग्वार का भाव : 5100 से 5450 श्रीगंगानगर मंडी ग्वार का भाव : 5000 से 5651 रायसिंहनगर मंडी ग्वार का भाव : 5350 से 5501 आदमपुर मंडी ग्वार का भाव : 5000 से 5480 गोलूवाला मंडी ग्वार का भाव : 5100 से 5450 अनूपगढ़ मंडी ग्वार का भाव : 5000 से 5460 पदमपुर मंडी ग्वार का भाव : 5000 से 5440 करणपुर मंडी ग्वार का भाव : 5000 से 5435 ऐलनाबाद मंडी ग्वार का भाव : 5100 से 5466 गजसिंहपुर मंडी ग्वार का भाव : 5200 से 5435 बारां मंडी ग्वार का भाव : 5000 से 5435 🌾 अपडेट के लिए पढते रहे AGRICULTUREPEDIA
JOIN AGRICULTUREPEDIA FACEBOOK

आपकी बातें और सुझाव

No comments to show.

मध्य प्रदेश कृषि मंडियों के आज के भाव

      नवीनतम अपडेट

      Pin It on Pinterest

      Shares
      Share This

      Share This

      Share this post with your friends!