जीरा तेजी मंदी रिपोर्ट 22 TO 30 अप्रेल 2023 ( Latest best Cumin Bullish Bearish Report 22 TO 30 April 23 ) : फसल तेजी-मंदी रिपोर्ट फसलों की उत्पादन की तेजी को दर्शाती है। यह Weekly Cumin Seed Jeera Report 2023 रिपोर्ट अधिकतर कृषि उत्पादक द्वारा उत्पादित फसलों को बेचने के लिए बाजार में आने से पहले उनकी वर्तमान स्थिति की जानकारी देती है। जीरा तेजी मंदी रिपोर्ट 22 TO 30 अप्रेल 2023 ( Latest best Cumin Bullish Bearish Report 22 TO 30 April 23 ) उत्पादक तथा बाजार दोनों के लिए उपयोगी होती है।
AGRICULTUREPEDIA से जुड़ना न भूलें 😍
सटोरिया प्रवृत्ति के स्टॉकिस्टों की मुनाफावसूली बिकवाली के कारण हाल ही में जीरे में मंदी आई थी। घटी कीमत पर पुन: लिवाली बढ़ने से इस प्रमुख किराना जिंस में फिर से तेजी आनी शुरू हो गई है। अत: आगामी दिनों में भी इसमें तेजी-मंदी की यह स्थिति ऐसे ही जारी रहने के आसार हैं।
भारत के अलावा विश्व में तुर्की और सीरिया को जीरे के अन्य उत्पादक देशों के रूप में जाना जाता है लेकिन अब अफगानिस्तान तथा ईरान भी उत्पादन बढ़ने लगा हैं। आमतौर पर तुर्की एवं सीरिया में संयुक्त रूप से करीब 35 से 45 हजार टन जीरे का उत्पादन होता है और इनकी क्वालिटी भारतीय जीरे की तुलना में कुछेक स्तर पर हल्की होती है लेकिन अंतरार्ष्ट्रीय बाजार को संतुष्ट करती हैं ।
तेजी मंदी रिपोर्ट देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
जीरा तेजी मंदी रिपोर्ट 22 TO 30 अप्रेल 2023 ( Cumin Bullish Bearish Report 22 TO 30 April 23 )
अच्छी गुणवत्ता वाले जीरे की सीमित उपलब्धता और कम उत्पादन के कारण आवक में गिरावट आई है और किसानों और स्टॉकिस्टों से कीमतों में और बढ़ोतरी की उम्मीद है। प्रत्याशित रूप से ऊंची कीमतों के कारण घरेलू और निर्यात दोनों बाजारों में खरीदार खरीदारी से परहेज कर रहे हैं। हालांकि, एग्रीवॉच ने भविष्यवाणी की है कि पिछले वर्ष से सीमित स्टॉक के कारण मध्यम अवधि में मांग, विशेष रूप से निर्यात बाजार में बढ़ेगी। इस बढ़ी हुई मांग से कीमतों को और समर्थन मिलने की उम्मीद है।
कुछ दिनों पूर्व जीरे की कीमत 8300/8350 रुपए प्रति 20 किलोग्राम का सर्वोच्च रिकॉर्ड पर पहुंचने का प्रमुख कारण यह है कि बीते मार्च महीने में हुई वर्षा के कारण खासकर राजस्थान में फसल को हानि हुई थी। बहरहाल, गुजरात और राजस्थान जैसे प्रमुख जीरा उत्पादक राज्यों में इस बार अच्छी मानसूनी वर्षा हुई है लेकिन अब एक निजी मौसम सेवा स्काईमेट ने वर्ष 2023 के मानसून में वर्षा सामान्य से कमजोर होने यानी दीर्घावधि औसत की 94 प्रतिशत होने का अनुमान व्यक्त किया है। इससे भी जीरा बाजार की धारणा प्रभावित हो रही है।
Jeera (Cumin seed) Spot Market Prices
23-04-2023 का अपडेट
फरवरी 2023 में भारतीय जीरे का निर्यात दो साल के उच्च स्तर पर पहुंचा, लेकिन ऊंची कीमतों और प्रतिस्पर्धी देशों के कारण इसमें गिरावट आ सकती है| रमजान के मौसम में वैश्विक बाजार में अच्छे उत्पादन और भारतीय गुणवत्ता की मांग के कारण फरवरी 2023 में निर्यात दो साल के उच्च स्तर 34,382 मिलियन टन पर पहुंच गया है। एग्रीकल्चर पेडिया को उम्मीद है कि आने वाले महीनों में निर्यात में गिरावट आ सकती है क्योंकि खरीदार अब तक की उच्च मूल्य सीमा के कारण अन्य उत्पादक देशों में स्थानांतरित हो सकते हैं।
फरवरी 2023 के दौरान आयात 137 मीट्रिक टन बताया गया है, जो पिछले महीने के दौरान 250 मीट्रिक टन था। फरवरी 2022 में यह 149 मीट्रिक टन था। एग्रीकल्चर पेडिया को उम्मीद है कि खरीदार भारतीय जीरा खरीदने से खुद को दूर रख सकते हैं और तुलनात्मक रूप से कम कीमत की सीमा पर अधिक जीरे का आयात करने की संभावना है।
ऊंझा में जीरे की कीमत रिकॉर्ड तोड़ ऊंचे स्तर पर बनी होने के बाद सटोरिया प्रवृत्ति के स्टॉकिस्टों की मुनाफावसूली बिकवाली शुरू हो गई थी। इसकी वजह से ऊंझा में जीरे की थोक कीमत मंदी होती हुई क्वालिटीनुसार 7700/8000 रुपए प्रति 20 किलोग्राम रह जाने के बाद इसमें थोड़ी तेजी आई है।
जीरा वायदा
40,850.00 -330.00 -0.80%
पिछला बंद: 41,180.00 खुला: 41,300.00 दिन की रेंज: 40,675.00 – 41,850.00
इसी प्रकार, स्थानीय थोक किराना बाजार में भी जीरा सामान्य 41,500 रुपए प्रति क्विंटल का निचला स्तर छूने के बाद थोड़ा तेज हुआ है। कीमत में आई मंदी के कारण किसान भी अपनी इस फसल की बिक्री हाथ रोककर कर रहे हैं। यही वजह है कि ऊंझा में जीरे की आवक लगातार दूसरे दिन भी 20 हजार बोरियों की होने की सूचना मिली।
Jeera (Cumin seed) Spot Market Prices for March 23 & 24
क्वालिटी का नाम | Mar 24 | Mar 23 |
Anandpur Kalu( Rs/Qtl ) | ||
Local | 25000-34000 | |
Delhi( Rs/Qtl ) | ||
Ganesh | 36500 | 35000 |
Machine Cut | 38000 | 37500 |
Gondal( Rs/Qtl ) | ||
Local | 30000-32500 | 29000-32500 |
Jodhpur( Rs/Qtl ) | ||
Local (loose) | 29000-35000 | 29000-34000 |
Merta City( Rs/Qtl ) | ||
Local | 30000-36000 | 30000-36400 |
Nagaur( Rs/Qtl ) | ||
FAQ | 29000-33500 | 29000-33100 |
Patan( Rs/Qtl ) | ||
Local (loose) | 25000-33450 | 29000-35000 |
Rajkot( Rs/Qtl ) | ||
Local (loose) | 29000-32250 | 29000-33000 |
Unjha( Rs/Qtl ) | ||
FAQ | 30000 | 29800 |
Machine Cleaned | 34600 | 34400 |
NCDEX | 32900 | 32700 |
Rajasthan Physical Market: Jeera(Cumin Seed) Trading Firm
Jeera(Cumin Seed) in Rajasthan Market (Prices in Rs. per quintal) | |||
Market | Commodity/Variety | Price | Change Absolute |
---|---|---|---|
Merta City | Jeera (Cumin Seed) Loose | 34000-43000 | +2000 |
Nagaur | Jeera (Cumin Seed) Loose | 36000-43500 | +500 |
मेड़ता सिटी बाजार में जीरा लूज मजबूती के साथ 10 रुपये पर कारोबार कर रहा है। 34000-43000 प्रति क्विंटल, जो पिछले दिन के मूल्य स्तर से 4.88 प्रतिशत अधिक है। अनुमानित बाजार आपूर्ति 7000 बैग थी, जो पिछले दिन की तुलना में 1000 बैग अधिक थी।
जीरा (जीरा) ढीला नागौर के बाजार में 10 रुपए मजबूती के साथ पेश किया जा रहा है। 36000-43500 प्रति क्विंटल, पिछले मूल्य स्तर से 1.16 प्रतिशत अधिक। कुल आवक 4000 बैग है, जो पिछले दिन की तुलना में 500 बैग अधिक है।
अप्रेल माह में जीरा का वायदा बाजार नरम रहने का अंदेशा जताया जा रहा हैं और मई कुछ उछाल रहने के असार हैं पर जून में जीरा बाउंस करेगा – ऐसा वायदा एक्सपर्ट का मानना हैं |
कुछ दिनों पूर्व जीरे की कीमत 8300/8350 रुपए प्रति 20 किलोग्राम का सर्वोच्च रिकॉर्ड पर पहुंचने का प्रमुख कारण यह है कि बीते मार्च महीने में हुई वर्षा के कारण खासकर राजस्थान में फसल को हानि हुई थी। बहरहाल, गुजरात और राजस्थान जैसे प्रमुख जीरा उत्पादक राज्यों में इस बार अच्छी मानसूनी वर्षा हुई है लेकिन अब एक निजी मौसम सेवा स्काईमेट ने वर्ष 2023 के मानसून में वर्षा सामान्य से कमजोर होने यानी दीर्घावधि औसत की 94 प्रतिशत होने का अनुमान व्यक्त किया है। इससे भी जीरा बाजार की धारणा प्रभावित हो रही है।
शेयर बाजार में पिछले काफी दिनों से दबाव नजर आ रहा था जो अब तक चल रहा है। यहीं वजह मंडी में जीरे के भावों में गिरावट का कारण बनी है। तथा ट्रेडर अपना मुनाफा कमाकर कम्युनिटी बाजार में वापस जीरा सेल कर रहे हैं। जिसके कारण पिछले 20-25 दिनों से जीरे में गिरावट चल रही है। पिछले सप्ताह में वापस उछाल आया, लेकिन इस सप्ताह में तक वापस बाजार में गिरावट आ गई। जिसकी वजह से जीरे के भाव में फिर गिरावट आ गई। आगामी दिनों में जीरे के भाव यतावत रहने के आसार है। अभी नय जीरे के भाव करीब 32000 से लेकर 41000 तक चल रहे हैं।
सरकारी नौकरी, परीक्षा परिणाम, भर्ती और प्रतियोगी अपडेट-
उन्नत खेतीबाड़ी और मंडी भाव को LIKE और SHARE जरूर करें
अन्य किसान योजनाएँ
- कृषि यंत्र सब्सिडी योजना : कृषि यंत्रों पर 80 प्रतिशत की सब्सिडी, जल्द करें आवेदन
- AGRICULTURE FARM POND SCHEME RAJASTHAN
- पीएम किसान FPO योजना 2022: ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन | एप्लीकेशन फॉर्म
- किसान सम्मान निधि योजना व लाभन्वित लिस्ट
- किसान सम्मान निधि लिस्ट 2022 : pmkisan.gov.in List : PM Kisan Status
- कुसुम योजना ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन राजस्थान सोलर पंप कृषि कनेक्शन फॉर्म
- मुख्यमंत्री डिजिटल सेवा योजना 2022 Free Smartphone Yojana ऑनलाइन आवेदन व लाभार्थी सूची
- किसान योजना : सिंचाई पाइप लाइन योजना | अनुदान सब्सिडी | ऑनलाइन आवेदन पत्र की जानकारी
- खेत तलाई योजना किसान सुविधा विस्तृत जानकारी और आवेदन व पात्रता
अन्य कृषि मंडियों के आज के भाव-
- देवली टोंक कृषि मंडी आज के भाव
- आज के रायसिंहनगर कृषि मंडी भाव
- आज के गंगानगर मंडी के भाव 10 जून 2023
- आज के बारां कृषि मंडी भाव
- आज के बीकानेर मंडी के भाव 10 जून 2023
- आज के मेड़ता मंडी के भाव 10 जून 2023
- आज के फलोदी मंडी के भाव 10 जून 2023
- आज के ब्यावर मंडी के भाव 10 जून 2023
- आज के किशनगढ़ मंडी के भाव 10 जून 2023
- आज के सुरतगढ़ कृषि मंडी के भाव 10 जून 2023
- आज के नोखा मंडी के भाव 10 जून 2023
- आज के ओसियां मंडी के भाव 10 जून 2023
- आज के बिलाड़ा मंडी के भाव 10 जून 2023
- आज के भगत की कोठी मंडी के भाव 10 जून 2023
- आज के जोधपुर मंडी के भाव 10 जून 2023
- आज के डेगाना मंडी के भाव 10 जून 2023
- आज के नोहर मंडी के भाव 10 जून 2023
- आज के नागौर मंडी के भाव 09 जून 2023 #2
- आज के बिजयनगर कृषि मंडी भाव
- आज के बीकानेर मंडी के भाव 09 जून 2023
स्काईमेट की भारत में सामान्य भविष्यवाणी की
- स्काईमेट ने भारत में सामान्य से कम मानसून, सूखे की भविष्यवाणी की है
- मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट वेदर के अनुसार, इस वर्ष भारत में सामान्य से कम मानसून वर्षा होने की उच्च संभावना है, और ला नीना घटना की समाप्ति और अल नीनो के संभावित उद्भव के कारण सूखे की 20% संभावना है। स्काईमेट ने सोमवार को कहा।
- कृषि उद्योग, जो फसल के विकास के लिए मानसून की बारिश पर बहुत अधिक निर्भर करता है, पूर्वानुमान के बारे में चिंतित है। यह भविष्यवाणी मानसून के मौसम के दौरान औसत से अधिक औसत वर्षा के लगातार चार वर्षों का अनुसरण करती है।
- स्काईमेट वेदर का अनुमान है कि जून से सितंबर तक चार महीने की अवधि के लिए मानसून की वर्षा 868.6 मिमी की लंबी अवधि के औसत (एलपीए) का लगभग 94% होगी।
- इसके अलावा, स्काईमेट ने भविष्यवाणी की थी कि भारत के उत्तरी और मध्य क्षेत्रों में वर्षा की कमी का अनुभव हो सकता है, विशेष रूप से जुलाई और अगस्त के मुख्य मानसून महीनों में। इस अवधि के दौरान गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में अपर्याप्त वर्षा होने की संभावना है।